Wednesday, January 12, 2011

क्या स्वप्न भी सच्चे होतें है ?...भाग-4

                                             रेनिगुन्नता स्टेशन का एक दृश्य.
  कल १२१६३ सुपर फास्ट ट्रेन लेकर रेनीगुन्ता गया था.रात को खा-पी  कर अपने वातानुकूलित कमरे में सो गया आज सुबह(१२-०१-२०११) जब मेरे मोबाइल पर सुप्रभातम का अलार्म बजा तो साढ़े ६ बजे , मै उठ गया.
     बिस्तर पर ,बैठे हुए ही आँख को सहलाते हुए इश्वर  का नाम लिया.कुछ समय तक शांत मुद्रा में बैठे रहने के बाद,सुबह-सुबह मस्तिक पटल पर घुमड़ रहे स्वपन की बात याद आ गयी.वह यह था की-" मै चद्दर ओढ़ रहा हूँ और मेरे बगल में ,दो तीन छोटे -छोटे सांप रेंग रहे है.मेरी पत्नी उन्हें पकड़  कर  गर्म पानी के अन्दर ड़ाल रही है."

                                    मेरी तुरंत की सोंच-"हो सकता है किसी दुसरे का समाचार प्राप्त हो.पर समाचार कुछ अच्छे नहीं होंगे.अपशगुन के संकेत.किसी महिला का भी सन्देश हो सकता है." फिर मै उतनी गहराई में नहीं गया.क्यों की मुझे इस तरह के संकेत मिलते ही रहे है और २४ घंटे के भीतर कुछ न कुछ हो ही जाता है.अब आयें और देंखे -आज क्या कुछ हुआ या नहीं........

                            मै आज १२१६४ सुपर फास्ट ट्रेन लेकर रेनिगुन्नता से गुंतकल के लिए रवाना हुआ.ट्रेन आधा घंटा लेट छुटी.कडपा आने पर ,ट्रेन साधारण तह ५ मिनट के लिए रुकी और सिग्नल हो गया .गार्ड ने झंडी दिखाई और हमने ट्रेन स्टार्ट कर दी.अचानक किसी अनजाने ब्यक्ति की आवाज वल्कि-तलकी  के माध्यम से आई-ट्रेन खड़ा करे.मैंने तुरंत ट्रेन स्टॉप कर दी.बाद में पता चला की बतानुकुलित कोच  में डॉक्टर(रेलवे की ) ,किसी बीमार ब्यक्ति की जाँच कर रहे है और बिना काम पूरा हुए ही ट्रेन स्टार्ट हो रही थी.

                    बाद में हमने पाया की वह कोई महिला डॉक्टर थी ,जो बीमार ब्यक्ति की जाँच में लगी थी.उन्होंने स्टेशन मास्टर की पूरी तरह से धज्जिय उड़ा दी और बोली बिना जाँच पूरी हुए किसने कहा सिग्नल देने के लिए?बेचारा मास्टर बेवकूफ बन-कर रह गया , उसे कुछ बोलते न बना.

                 दूसरी घटना ------मै साढ़े तीन बजे के करीब ड्यूटी से उतरने के बाद घर आ गया.पूरी तरह से ऋ -फ्रेश होकर सोफे पर बैठ,टी-वी पर समाचार देखने लगा.स्टार-न्यूज़ का चैनल था जिसमे ब्रकिंग न्यूज़ आ रहा थी -की -कोंग्रेस ने  कहा है की राहुल गाँधी के बयान  को एन.सी.पि.के प्रति नहीं समझना चाहिए....वगैरह-वगैरह.....तभी मेरा मोबाईल चिल्लाने लगा.मैंने तुरंत रीसिव किया और पाया की मैटर वाकई हैरान करने वाला था.हुआ यूँ  की वह फ़ोन लोको चालक (/मेल/एक्सप्रेस)-सैयद हुमायूँ का था,जो आज १६३८१ एक्सप्रेस, जो मुंबई से चल कर कन्याकुमारी को जाती है,को लेकर रेनिगुन्नता गए .जिन्हें मैंने रास्ते में क्रोस भी किया था.--उन्होंने मुझे बताया की वे जब गुंतकल स्टेशन के प्लेटफोर्म नंबर ६ पर अपनी ट्रेन के साथ सिगनल का इंतजार कर रहे था ,तब उन्हें ट्रेन स्टार्ट करने के लिए गलत लाइन का सिगनल दिया गया.उन्हें मेन लाइन से होकर रेनिगुन्नता जाना था और उन्हें ब्रांच लाइन का सिगनल दिया गया,जो बिजयवाडा को जाती है.किन्तु सौभाग्य वश उन्होंने गलत सिगनल को पहचान लिया और ट्रेन स्टार्ट  नहीं किये.इसके बाद फिर से रूट बदलने और सिग्नल देने में एक्स्ट्रा टाइम वेस्ट हुआ.यह भी पता चला है की सैयद हुमायूँ -सभी अधिकारिओ को इस घटना की जानकारी एस यम एस के माध्यम से दे दी है.अब देखना है होता है क्या ?

             इस तरह देंखे तो आज भी मुझे प्री-आभास मिल गया था.कुछ टूटे-फूटे समाचारों का.हे.सृष्टी के मालिक आप की वंदना कैसे करूँ.?
        

4 comments:

  1. स्वप्न में पहले से आता घटनाओं का आभास।

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  2. कहते हैं कि समय विशेष पर और प्रायः किसी अन्य से शेयर न किए गए स्वप्न साकार होते हैं।

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  3. कहते हैं कि समय विशेष पर देखे गए और किसी अन्य से शेयर न किए गए स्वप्न अवश्य साकार होते हैं।

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  4. respected Ramanjee aap ne bilkul saty hi kaha ,kyo ki mere jo bhi swapn sakar huye hai,we prayah......23.30hrs to 00.30 and 05.00 hrs to 06.30 hrs ke madhya hi ghatit huye hote hai.Thank you sir.

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