Wednesday, February 23, 2011

क्या स्वप्न भी सच्चे होतें है ?...भाग-६ सासु जी को श्रधांजली

 अजीब सा लगता  है , जब कोई अनहोनी होने से टल जाती है ! मन को काफी शकुन  मिलता है या यूँ कहें .....
 दिल अन्दर ही अन्दर झूम उठता है..! वैसी ख़ुशी,.आनंद..भाव-विभोर ..कांति. वही समझ सकता है.जिसे जीवन  में ,ऐसी अनहोनी से सामना हुयी हो ! ऐसा मै इस लिए उधृत कर रहा हूँ  क्यों की इस तरह की अनुभूति मुझे तब हुयी , जब मैंने तारीख -१९-०२-२०११ ( गाड़ी संख्या -१२१६३ एक्सप्रेस  काम करते समय  )  को एक गायों के झुण्ड  तथा तारीख -२२-०२-२०११ ( गाड़ी संख्या -१२१६४ एक्सप्रेस काम करते समय ) को भैंसों के झुण्ड को ,सुरक्षित बचा लिया ! कहते है ...सबकी रक्षा  भगवान समय पर करते ही है ! उपरोक्त समय मुझे  आपातकालीन ब्रेक  लगाना पड़ा ! भगवान हम-सभी की भी रक्षा करें !
                                        अब आयें भूतकाल की घटना का जिक्र करे ,जो उपरोक्त शीर्षक से संबधित है ! मै 
 गाड़ी संख्या -१२६२७ सुपर फास्ट , जो बंगलुरु से चलकर नयी दिल्ली को जाती है ...को लेकर शोलापुर गया था  और  तारीख ०४-०९-२०१० को फिर वापस ..गाड़ी  संख्या -१२६२८ सुपर फास्ट ,जो नयी दिल्ली से चलकर बंगलुरु को जाती है  , को लेकर  आना था ! इस गाड़ी को काम करने के लिए ..साढ़े ग्यारह बजे रात को ड्यूटी में हाजिर होना होता है ! अतः मै जल्दी से खा-पीकर आठ बजे के करीब सो गया क्योकि इसके बाद रातभर जागना पड़ता है ! लम्बी गाड़ी..उस पर २४  /  २५ डिब्बे ! कष्टमय यात्रा  ! ड्यूटी तो निभानी ही है !
                      रात करीब ग्यारह बजे , कॉल बॉय ..मुझे जगाया. और कहा - " सर गाड़ी राईट टाइम चल रही है " मै उठ बैठ ! कहा - " ठीक है " ! पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद ..कॉल बॉय चला गया !मै पूरी तरह  से  तैयार  होकर चालक-परिचालक रेस्ट रूम के डायनिंग हॉल में आकर बैठ गया ! तब - तक मेरा सहायक  के .मुरली कृष्णा  भी आ बैठा ! बेअरेर आया और सामने खड़ा हो गया ,इस इंतजार में की हम कुछ अनुमति दें ! किन्तु अचानक वह पूछ बैठ -" सर बहुत उदास  नजर आ रहे है  "
  " हाँ ..मै भी ऐसा  देख रहा हूँ.. ! " मुरली कृष्णा   ने हामी भरी ! "
 (  चित्र में -सफ़ेद कुरते वाला ही बेअरेर है !
  जैकेट वाला -कुक ! ) मैंने दोनों केबातो 
 को गौर किया और कहा - " तुम लोग    ठीक ही कह रहे हो ! " कुछ समय रुक कर मैंने अपनी बात आगे बढाई और 
 कहा की - " मै एक बहुत ही दर्द-नाक 
 स्वप्न देखा ! " तब-तक बेअरेर चाय ले 
 कर हाजिर हो गया था. ! मैंने चाय की घूंट लेते -लेते अपनी बात जारी रखी !
  दोनों बहुत ध्यान से सुनने लगे ! 
 " मैंने देखा की मेरी माँ मर गयी है और 
  मै   खूब  जोर - जोर से रो रहा हूँ . मेरे 
  पास बैठे ,बालाजी ( मेरा छोटे पुत्र  ) मेरे गोद में सिमटते जा रहे है ! तभी कॉल बॉय मुझे जगाया था ! तब से 
  ही समझ में नहीं आ रहा है की क्या होने वाला है !" कुछ क्षण चुप रहने के बाद  फिर कहा - " मैंने अपने माँ के बारे में ऐसी स्वप्न देखी है अतः  इसके उलटा ही होगा ! भगवान जाने क्या होने वाला है "
                       इसके बाद सभी ने हामी भरी और हम अपने आन को डालने लोब्बी में चले गए ! नियत समय से आधे घंटे लेट गाड़ी आई ! हमने अपनी जरनी शुरू की !हम रात -भर गाड़ी चलाने के बाद ,अब गुंतकल के नजदीक आ रहे थे ,तभी मेरे सहायक के मोबाइल पर कॉल आया ! समय पौने सात ! उसने फ़ोन रिसीव किया !
 बात पूरी करने के बाद -मुरली कृष्णा ने कहा - " सर ..आप ने ठीक ही स्वप्न की बात कही ! अभी मेरे ससुर जी का फोन आया था ! कह रहे थे की मेरी बेटी को लेकर जल्दी आ जाओ ,तुम्हारी सास जी की हालत बेहद नाजुक है ! मेरे बेटी को मत बताना , नहीं तो घबरा जाएगी !''
                   मुरली कृष्णा  गाड़ी से उतरते ही , जल्दी गाड़ी  संख्या -११०२८ मेल से आदोनी के लिए रवाना हो ! गया ! बाद में मैंने फोन कर उसके सास  की हालत के बारे में जान- कारी ली ! पता चला की वे बहुत नाजुक हालत में है !आखिर कार एक सप्ताह के बाद उनका देहावसान हो गया ! भगवान उनकी आत्मा को शांति दें !

  

6 comments:

  1. kabhi kabhi swapn sach bhi ho jate hain.

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  2. कहा जाता है की मन कई बार मन भावी घटनाओं को भांप लेता है..... यह स्वप्न भी हो सकते हैं....
    जो शायद सच भी हो जाता है.....

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  3. कई बार ऐसा लगता है कि पुर्वाभास होता है।
    संस्मरण काफी रोचक व रोंगटे खड़े कर देने वाला है।

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  4. जी हाँ कभी-कभी किसी को पूर्वाभास जो होता है वह सच निकल जाता है.

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  5. jiska man jitna suksham hota hai use jyada aur sahi purvabhas hota hai .. han

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  6. श्रद्धांजलि। इन घटनाओं का आभास हमें पहले से ही हो जाता है।

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