Thursday, June 30, 2011

लघु कथा --वीर मेरे अंगना

शादी की तैयारी जोरो पर थी ! आज बारात आने वाली थी ! श्याम सुन्दर जी  दौड़ -दौड़ कर सभी को कह रहे थे - देखो जी कोई कसर न रह जाए , अन्यथा लडके वाले  नाराज हो जायेंगे ! गाँव का माहौल  ...फिर भी शहर से कम रौनक नहीं थी ! जहां  देखो - वही चहल पहल  ! लौड़ स्पीकर बज रहे थे ! हलवाई तरह - तरह के व्यंजन बनाने में मशगुल !  कहार पानी भरने में ब्यस्त ! द्वार पर हित - नाथ आने लगे थे ! बच्चे शामियाने में खेल- कूद में मग्न ! पंडित जी आ गए थे ! सत्यनारायण भगवान  की पूजा शुरू  होने वाली थी ! नाउन चौक पूर रही थी ! शकुन्तला देवी घर के भीतर के सभी इंतजाम में ब्यस्त ! आँगन पूरी तरह से भर गया था ! आखिर इतनी भाग दौड़ क्यों ?, चुकी निर्मला की शादी जो थी , जानी मानी टी.वि.चैनल की एंकर  , वह भी ..शहरी लडके और शान - शौकत वाले से  ,  उस पर   एकलौती बेटी ! श्याम सुन्दर जी माध्यम वर्गीय ! बहुत कुछ दान - दहेज़ में दिया था !

धीरे - धीरे समय घहराया और गाँव के गोयड़े पर बरात आकर रुक गयी थी ! बाजे की शोर गुल सुन बच्चे उधर भागे ! श्याम सुन्दर जी द्वारपूजा के लिए , हजाम को खोज रहे थे , तभी वह आ धमाका ! उसने श्याम  सुन्दर जी के कानो में कुछ कही ! उसकी बातें सुन - श्याम सुन्दर के कान खड़े हो गए ! घर में भागे ! आंगन में शकुन्तला मिल गयी !" शकुन्तला गजब हो गया !" उन्होंने पत्नी को संबोधित कर कहा ?

पत्नी घबडाई सी -" अजी ऐसा क्या हो गया ? इस शुभ घडी में !" रुवासे सी आवाज में श्याम सुन्दर जी ने कहा - " दुल्हे   के पिता  ने   - अभी तुरंत दो लाख रुपये मांगे है ! नहीं देने की हालत में बरात वापस लेकर चले जायेंगे ! " शकुन्तला के मुह से निकला - " हे भगवान ये कैसी अग्निपरीक्षा ! इतना सारा रुपया कहाँ  से लावें ! जो था सभी दे दिए !" फिर उनके तरफ मुड कर बोली ! एक बार जाकर तो देखिये ! मन्नत - विनती से काम चल जाए !

श्याम सुन्दर गम की मुद्रा में उठे और  चल दिए ! आस - पास के हित - नाथ और औरतो में यह बात ,  जंगल की आग की तरह फैल गयी !   यह बात चारो तरफ फैलने भी  लगी ! श्याम सुन्दर जी ने बहुत  चिरौरी विनती की , पर दुल्हे के घर वालो पर कोई फर्क नहीं पडा ! बारात लौटने लगी ! श्याम सुन्दर जी के प्राण ही निकल जायेंगे वैसा लग रहा था ! तभी एक युवक भीड़ से बाहर आया और श्याम सुन्दर जी से कुछ कहा !

श्याम सुन्दर जी उस युवक को लेकर घर आयें और उस कमरे की तरफ गए ,  जहां  उनकी वेटी को सजाया जा रहा था ! सभी सखी - सहेलियों को  एक मिनट के लिए बाहर जाने को कहा और  उनहोने सभी घटनाओं को बिस्तार से  अपनी वेटी को बतला   दिए ! पुत्री ने एक टक पिता की ओर देखि  और  उस युवक के साथ  एकांत में ... बात- विमर्श किया , फिर  शादी के लिए तैयार हो गयी !

उसी मंडप में  निर्मला की शादी ,  उस युवक से कर दी गयी ! वह युवक उसी गाँव का रहने वाला था , जिस गाँव से बारात आई थी ! सुबह माड़ो में  दुल्हन और दुल्हे  को बैठाया गया था ! गाँव की औरते इस वीर पुरुष को देखने के लिए झुण्ड के झुण्ड जुटने लगी थी ! चारो तरफ उसके गुण - गान किये जा रहे थे ! तभी निर्मला की एक सहेली ने पूछ दिया - पहले वाले तो सोफ्ट वेयर इंजिनियर थे , ये वाले क्या है ?

 " लिख लोढा पढ़ पत्थर  " निर्मला ने जबाब दिया ! जो सत्य था !
 " यानी एल.एल.पि.पि."- किसी  सहेली ने चुटकी ली !
हाँ .. उस पढ़े -लिखे और सभ्य दुनिया  से बहुत अच्छा है ! " निर्मला ने कहा !


17 comments:

  1. @उस पढ़े -लिखे और सभ्य दुनिया से बहुत अच्छा है
    इतना ही काफी है। लालची, बेईमानों से नाता होने से बच गया, खुशी की बात है

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  2. सामाजिक कुरीति को रास्ता दिखाती लघु कथा .सुन्दर ताना -बाना .

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  3. सत्य हो या व्यंग्य अनुकरणीय है.

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  4. सभ्यता का स्तर तो इन घटनाओं से ही पता चला जाता है।

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  5. आजकल भी ऐसी घटना कभी कभार हो जाती है।

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  6. ऐसी घटनाएँ बताती की शिक्षित होने के असली मायने क्या होने चाहिए...... बहुत बढ़िया लघुकथा

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  7. बहुत सुन्दर कहानी...प्रेरणादायी कहानी...
    केवल किताबी शिक्षा ही सब कुछ नहीं होती, जीवन का पाठ, नैतिकता का पाठ पढना परम आवश्यक है...

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  8. बहुत सुंदर कहानी, सभ्य समाज ने तो सभ्यता ही खो दी हे बस दिखावा ओर लालच रख छोडा हे जिसे सभ्य मानते हे यह...

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  9. sorry to say ab ye theam puranee ho gayee hai kam se kam 1 dashak puranee ab aaisa nahi hota hai

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  10. प्रेरक कथा.....
    आज ऐसे साहसी युवकों की जरूरत है जो कहीं भी अन्याय को बर्दास्त न करते हुए स्वयं को न्याय और सच्चाई की रक्षा के लिए समर्पित करने में भी न हिचकें |

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  11. यह ब्लॉग मेरे इर्द - गिर्द घटी सत्य और अनुभवों पर आधारित है ! इसी कड़ी में यह लघु कथा ,लघु कथा नहीं बल्कि हकीकत में घटी घटना है , वश नाम , दृश्य और नौकरी - पेशा काल्पनिक है , कहानी को स्पस्ट करने के लिए ! भगवान करें --ऐसी घटनाए किसी के साथ न हो ! धन्यबाद

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  12. भाई साहब "बिग "और स्माल "बी "की" पा" पिक्चर में "प्रोजेरिया ग्रस्त बच्चा लम्बू ही है .कुल दुनिया भर में इस सिंड्रोम से ग्रस्त २००-२५० बच्चे ही हैं इसीलिए शोध इसके समाधान के लिए गति नहीं पकड़ पाया है .शुक्रिया आपका .

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  13. बहुत बढ़िया, शानदार, लाजवाब और प्रेरणादायक कहानी! बेहतरीन प्रस्तुती!

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  14. बहुत सुन्दर कहानी और प्रेरणादायक.

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  16. सत्य में ऐसा होना एक बहुत अच्छी शुरुआत करता है समाज में ... अच्छी लगी ये सत्य कथा ...

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