Monday, September 6, 2010

आप बीती ....

प्रिय पाठको ,
मै , रेलवे में लोको चालक हूँ ,दिनांक पहली सितम्बर को ,मे २1६४ एक्सप्रेस को कामकरते हुए ,गुंतकल से वादी जन को जा रहा था। मेरी गाड़ी  नारायणपेट रोड रुकी और समयसे फिर प्रस्थान हुई। मैंने देखा की एक बैल्गारी ,रेलवे लाइन को स्पर्स करते हुए ,खरी है. मैंने तुरंत, गाड़ी की ब्रेक लगाई। किन्तु अप्रयाप्ता,सुरक्षित दुरी के अभाव में,गाड़ी,तुरंत नरुक सकी । गाड़ी, बैलगाड़ी से जा टकराई। बैलगाड़ी को काफी नुकसान पंहुचा , भगवानकी कृपा थी, जो बैलगाड़ी में न बैल था,नहीं गाड़ीवान ,आन्यथा दोनों मर जाते थे।
                             मेरी गाड़ी तो रुक गई , हमने अची तरह से गाड़ी का मुआयना किया, औरफिर गाड़ी को स्टार्ट किये, मै भगवान का सुकर गुजर हु जो ,कोई सेरिऔस दुरघटना होने सेबच्ये उपरोक्त उदहारण के माध्यम से मै यह, बताना चाहता हूँ ,की हम जैसे लोकोचालाको केजीवन में आएसी घटनाये ,हो जाती है और सभी लोको चालको का यह प्रयास रहता है की ,जहातक हो सके,जानमाल की हिफाजत की जाये, पब्लिक को भी चाहिए की भारतीय रेल को ,सुरक्षितरखे , नुकसान न पहुंचाए  । रेलवे आप को सुरक्षा देने  के लिए  हमेशा तैयार  है.

7 comments:

  1. अच्छी लगी आपकी आपबीती। इसके पहले के भी लेख देखे। बहुत अच्छा लगा।

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  2. आप बीती अच्छी लगी धन्यवाद|

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  3. आप का काम बहुत जहीन है। ब्लाग जगत में आप का स्वागत है।

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  4. बहुत अच्छी लगी आपकी ये आपबीती...सच में,रेल परिचालक का काम बहुत ही जिम्मेदारी भरा काम है...

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  5. हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
    कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें

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  6. हिंदी ब्‍लॉग जगत में आपका स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

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