Thursday, January 6, 2011

हमें कुछ कहना है...पारदर्शी बिहार.

    बिहार के बिकास पुरुष के रूप में उभरे मुख्यमंत्री नितीश कुमार भले ही इंजिनियर हों लेकिन अपनी निजी सम्पति के बारे में वे कतई इंजिनियर नहीं लगतें बल्कि एक मध्य वर्गीय नागरिक ही लगते है,सम्पति के जरी बिग्यप्ती के अनुसार उनके पत्नी व अन्य सदस्यों सहित पुरे परिवार के पास उनकी ही मंत्रियो से बहुत काम सम्पति है.उनके नाम पर बैंक में ३१७६० रूपए,४७ हजार के गहने,होंडा सैंट्रो कर,गाय,टीवी,फ्रिज,एसी,दिल्ली में फ़्लैट है.उन पर एक लाख ४३ हजार रुपये का कर्ज है.उपमुख्यमंत्री सुशिल कुमार मोदी भी करोड़  पती तो नहीं है पर उनके और उनके पत्नी के पास ६१ लाख रुपये की सम्पति जरुर है.यह अलग है की उन पर बैंक और रिश्तेदारों का ४० लाख २० हजार रूपए का कर्ज है..जब की उनके कई मंत्री एक करोड़  ८ लाख रुपये से २ करोड़  ६० लाख रुपये के मालिक है.
          नितीश ने इसी के साथ ३ लाख शिक्षक व इन्डियन पोलिश सर्विश के अधिकारिओ को सम्पति घोषित करने का निर्देश दिया है.अन्य क्षेत्रो में प्रशासन व जन प्रतिनिधियों को अलग रखा गया है या नहीं,यह इस आदेश के अनुसार दिखाई नहीं पड़ता.मगर हर साल अपनी सम्पति घोषित  की जाएगी.करीब नौ करोड़  की आबादी का बिहार सारे देश और बिदेशो  में भी ब्यंग का कारण बन गया था.पर नितीश के कारण वह बदल रहा है.सम्पति की घोसणा भी पारदर्शी बिकाश की ओर एक कदम ही है.बिहार ने लालू यादव और नितीश के बिच फर्क को भली - भाक्ति समझ लिया है.देश के २५% से भी अधिक खनिज सम्पदा वाला बिहार अब भी खेती पर ही निर्भर है.उसे औधोगिक राज्य बनाने का संकल्प नितीश को लेना चाहिए.ताकि भारी गरीबी दूर हो और पलायन रुक सके.इससे किसी को भी कहने का मौका नहीं मिलेगा की बिहारी उनका रोजगार छीन रहे है.भ्रस्ताचार के खिलाफ सीधी लडाई में उतारे नितीश और उनके बिहार को अब भबिष्य के माडल स्टेट के रूप में देखा जा रहा है.क्या सचमुच बिहार आधुनिक बिकास का माडल बनेगा? इस सवाल का जबाब भबिस्य ही दे सकेगा.मगर पारदर्शी होती वहा  की सरकार से उम्मीदे जरुर जुड़ गयी है.
          खास बात यह है की कर्ज बाजारू राज्यों में बिहार,उत्तर प्रदेश और महारास्ट से पीछे ही है.केंद्र और राज्य सरकारों के बीच अलग-अलग गठबंधन की सरकारे होने की वजह से समन्वय  भले ही न हो मगर कल का उभरता बिहार आज से ही दिखाई देने लगा है.वह दिन भी आएगा जब बिहार के मजदूर व गरीब पलायन नहीं करेंगे.और अपने ही राज्य में सम्मान के साथ जीने में समर्थ होंगें.नितीश के बढते कदमो में इस भबिस्य के बिहार की आहट तो छिपी  हुयी ही है.
     सौजन्य-आज का आनंद /मुंबई./०५-०१-२०११.

2 comments:

  1. यह बहुत अच्छा निर्णय लिया है।

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  2. Praveen....sir, mere post par pahali bar aane ka badhai swikar kare..Thank you.

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