Wednesday, September 22, 2010

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भारत दुनिया का तीसरा सबसे शक्तिशाली देश:


वॉशिंगटन। अमेरिका की एक ताजा सरकारी रिपोर्ट में विश्व के सबसे शक्तिशाली देशों की सूची में अमेरिका और चीन के बाद भारत को तीसरे स्थान पर रखा गया है। यही नहीं इस रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका, चीन और यूरोपीय संघ के बाद भारत विश्व का चौथा सबसे शक्तिशाली गुट है। अमेरिका के राष्ट्रीय खुफिया परिषद (NIC) और यूरोपीय संघ के सुरक्षा शिक्षा संस्थान (EUISS) द्वारा संयुक्त रूप से जारी 'ग्लोबल गवर्नेस 2025' नामक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।
रिपोर्ट में यह अनुमान भी व्यक्त किया गया है कि साल 2025 तक वैश्विक परिदृश्य में भारत का रुतबा और बढ़ेगा। ब्राजील, रूस, भारत, चीन और अन्य देशों के विशेषज्ञों की अंतर्दृष्टि और काल्पनिक परिदृश्यों के आधार पर तैयार की गई इस रिपोर्ट में वैश्विक प्रशासन में अगले 25 सालों में होने वाली तब्दीलियों की व्याख्या की गई है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक साल 2010 में शक्तिशाली देशों की सूची में अमेरिका टॉप पर है और वैश्विक शक्ति के मामले में उसकी हिस्सेदारी 22 फीसदी है। इसी तरह चीन और यूरोपीय संघ वैश्विक शक्ति के मामले में 16 फीसदी हिस्सेदारी रखते हैं जबकि भारत 8 फीसदी। जापान, रूस और ब्राजील भारत से पीछे हैं और उनकी हिस्सेदारी 5 फीसदी के आसपास है।
रिपोर्ट के अनुमानों के मुताबिक 2025 तक यद्यपि इस सूची में कोई परिवर्तन नहीं आएगा लेकिन अमेरिका, यूरोपीय संघ, जापान और रूस की शक्तियों में कमी आएगी जबकि चीन, भारत और ब्राजील की ताकत बढ़ेगी।
साल 2025 तक भी अमेरिका सबसे शक्तिशाली देश बना रहेगा लेकिन वैश्विक शक्ति की हिस्सेदारी में वह 18 फीसदी पर पहुंच जाएगा। इस दौरान चीन की हिस्सेदारी 16 फीसदी, यूरोपीय संघ की 14 फीसदी और भारत की 10 फीसदी हो जाएगी।
रिपोर्ट में यह चेतावनी भी दी गई है कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों की बढ़ती संख्या और उनकी जटिलताओं का सामना करने में अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएं और राष्ट्रीय सरकारें अक्षम साबित हो रही हैं। चाहे वह जलवायु परिवर्तन का मसला हो या क्षेत्रीय संघर्ष और नई तकनीक का, या फिर प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन का मसला हो।

  courtesy.  ibnkhabar.

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