मुझे तो नहीं पत्ता.पर एक बिस्वास जरुर है .क्यों की हमारे पूर्वजो ने इस नाम को वहन करके ,यहाँ तक लाये है.जिसे समझना ,न समझना मेरे ऊपर निर्भर करता है.इस तरह देखा जाय तो दुनिया में बहुत सी चीजे मिल जाएँगी जिन्हें हम अपने पुर्बजो के द्वारा लायी समझते है.और दिल से बिस्वास भी करते है.अगर नाम करन के पीछे कोई धारणा हो और किसी को कुछ मालूम हो तो मुझे भी बताने की कृपा करें.
मै बिषय से दूर चला जा रहा था ,अब आये कुत्ते की बात करे.किसी को कुत्ता कहने से लोग क्या समझते है. फिर भी कुत्ते को लोग बड़े प्यार से पालते है.कुत्ता पालतू होते है.फिर भी इनके नाम को कुत्ता ,रखने के पीछे क्या मनसा रही होगी.? आज हुआ यूँ की मेरे ट्रेन के निचे एक कुत्ता मर गया .कुत्ते का ट्रेन के निचे आना कोई नयी बात नहीं है.प्रायः ऐसा होता रहता है ,किन्तु आज जो हुआ ,वह बिलकुल अलग सा था.क्यों की वह कुत्ता लगातार सिटी बजने के बावजूद भी ,दोनों ट्रैक के बिच में खड़े हो कर ट्रेन को देखता रहा और टस से मस नहीं हुआ.जब की ऐसा कभी नहीं होता है.कुत्ते का स्वभाव है की जरा सी आवाज हुई की भगा.अंत में मै यही सोंचता हूँ की क्या कुत्ते भी मनुष्य जैसा आत्महत्या करते है ?अगर हाँ तो क्यों ?
क्योकि कुत्ते भी अब जान गयें हैं की इस देश के संवैधानिक पदों पर बैठे भाग्य विधाता भ्रष्टाचार और कुकर्म के मामले में जानवर से भी निचे गिर चुके हैं इसलिए अब जीने का कोई मकसद रह नहीं जाता है .......हर इंसान आज कुत्ते से भी बदतर जीवन जीने को मजबूर है इन कड़ोरपति भ्रष्टाचारियों की वजह से ....
ReplyDeleteRespected Jai kumar jha ji aap ke karya wakayi tarif ke layak hai,aise logo ko sathi bahut kam milate hai,kyo ki aaj-kal chapalusi ka jamana hai.itihas gawah hai achhe logo ko gaali mili/goli.
ReplyDeleteवाकई सोचने लायक विषय क्या कुत्ते भी आत्महत्या करते है..
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