Thursday, December 2, 2010

क्या स्वपन भी सच्चे होते है ?

                                                                
     मै वाडी से २१६४ एक्सप्रेस आज ( तारीख -०२-१२-२०१० ) आने वाला था.मै वाडी लोको चालक आराम गृह में गहरी निद्रा में सोया हुआ था.अतः सुबह ०६ बजे कॉल बॉय आकर मुझे उठाया क्यों की ट्रेन राईट टाइम चल रही थी.

      मै उठ तो गया , किन्तु किसी गहरे स्वप्न में खोया था.पूरा सीन याद नहीं आ रहा है ,पर आखिरी वाक्य याद है--वह यह की-मुख में राम , बगल में छुरी. जैसा की बिदित है और मेरे साथ होता आया है ,इस लिए मै इस वाक्य की ब्याख्या करता रहा.पर कुछ नतीजे पर नहीं पहुंचा.

   पूरी तैयारी  और नास्ता वगैरह करके, ड्यूटी पर आ गया.ट्रेन समय पर आई और समय से वाडी छुटी.यात्रा होती रही .रायचूर आने पर ,मेरे सहायक लोको चालक श्री प,ज,खान ने एक मछुवारे को जो मन्त्रालयम रोड में रहता है को फोन किया और कहा की मुझे २ किलो मछली चाहिए ,तैयार रखो.

       मछली वाले ने मेरे लिए भी मछली लाने के लिए पूछा.मैंने नं कर दी क्यों की मै प्रायः ब्रिह्स्पतिवार को नॉन veg नहीं  लेता वैसे आज ब्रिह्सपतिवार ही है.ट्रेन नियत समय से मन्त्रालयम रोड आई  ( यानि साढ़े नौ बजे. ) हम अपने लोको की जाँच -परताल कर रहे थे,तभी मछली वाला दो पैकेट  के साथ,आ हाजिर हुआ.पहला थैला उसने मेरे सहायक को दी और दुसरे के साथ मेरे नजदीक आया और कहा सर ,ये मछली मैंने आप के लिए लायी है.देखिये सभी मछलिय जिन्दा है.ताजी की ताजी है.
       मुझे आज कौन सा दिन है का ख्याल नहीं रहा और मैंने उस मछली के पैकेट को लेकर लोको के अन्दर रख दिया .गुंतकल आने में डेढ़ घंटे की देरी थी .मेरे सहायक लोको चालक की मछली को मछुवारे ने काट और साफ़ करके लाया था. उसे घर जाकर बनाने भर का काम था.

        रास्ते में मुझे याद आया, कल मै घर पर नहीं रहूँगा क्यों की आज रात को कर्नाटक एक्सप्रेस काम करनी है.चलो मछली को साफ करके फ्रिज मै रखना पड़ेगा .दुसरे दिन  परिवार वाले खा लेंगे.जैसे ही काटने की बात मुझे याद आई,स्वप्न वाली वाक्य याद आ गई.---मुख में राम , बगल में छुरी.

        अर्थार्त अब  इस वाक्य की ब्याख्या मेरे  सामने प्रस्तुत थी.यानि मुख में राम= मै ब्रिह्स्पतिवार को नान-veg नहीं लेता क्यों की साईं बाबा ( शिरडी वाले ) को बहुत मनाता हूँ और बगल में छुरी =का मतलब साफ है ,मछली मेरे साथ है उसे छुरी से काट कर तैयार करने होंगे.

          मै अपने किये पर शर्मिंदा हुआ और साईं बाबा को मन ही मन याद कर क्षमा मांगी.घर आने पर पत्नी ने बैग को देखते ही मुझे बहुत कोसा.मुझे भरपूर फटकार मिली,उसने मुझे हिदायत देते हुए कहा है की आइन्दा ऐसी गलती न होनी चाहिए |  

          (नोट-जरुरी नहीं जो मुझे स्वप्न में दिखी वह सभी के साथ हो,और उनके भी स्वप्न सिद्ध हो,पर यह मेरी अपनी अनुभव है कारण करम अपने - अपने ) यह स्वपन भी सच्चे हुए. 

5 comments:

  1. मै तो कहता हूँ अगर आप सच्ची में साईं भक्त है तो एक दिन क्या सातो दिन नॉन नेज नहीं खाना चाहिए..

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  2. धन्यवाद साकेत जी,आप के सुझाव पर अमल करने की कोसिस करूँगा.

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  3. बिल्कुल सही है, साकेत...स्वप्न में बहुत सी भविष्य की बातें संकेत रूप में प्राप्त होती हैं.....हां मेरे विचार में किसी एक विशेष दिन नोन-वेज न लेना या शिर्डी के सांई बावा के कहने पर यह न करना..... भी ’मुंह में राम बगल में छुरी’ ही है....या खाओ या न खाओ , मानो या नमानो...शोर्ट-कट की क्या आवश्यकता है.

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  4. तमसो मा ज्योतिर्गमय ...

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  5. spne bhut bar hmen phle se hi schet kr deti hai.pdhkr achcha lga.

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