कल की बात है ( २४ सितम्बर २०११).
गुंतकल से वाडी जंक्सन के लिए चेन्नई सुपर को लेकर जा रहा था ! मेरी ट्रेन प्लेटफोर्म संख्या - पांच पर खड़ी थी ! प्रायः सभी ट्रेन यहाँ पंद्रह मिनट तक रुकती है ! ताकि रेलवे ट्रेन की बोगियों की साफ - सफाई कर सके ! स्टार्टर पीला संकेत बताने लगा था ! हमने अपने गार्ड साहब से ट्रेन स्टार्ट करने की अनुमति मांगी ! उन्होंने कहा की सफाई वाले खतरे की बोर्ड रखे हुए है ! अभी सफाई का काम पूरा नहीं हुआ है ! एक - दो मिनट और इंतजार करे !
तब - तक गुंतकल केबिन ( बायीं पास ) के स्टेशन मास्टर जोर - जोर से हमें पुकारना शुरू कर दिए , जिससे की हम तुरंत ट्रेन स्टार्ट कर ले ! कुछ समय बाद हमारे गार्ड साहब ने हरी झंडी दिखाई ! हमने सिटी दी और ट्रेन चल पड़ी ! इंटर मिडियत स्टार्टर , बायीं पास स्टार्टर को हम उचित सिगनल से पास कर गए ! अब हमारे सामने लास्ट स्टॉप सिगनल आने वाला था ! वह हरी लाइट( प्रोसेड़ ) बता रहा था ! हम नजदीक आने वाले ही थे की वह लाल बत्ती( खतरा ) बताने लगा !
तुरंत आकस्मिक ब्रेक लगाने पड़े ! ट्रेन तो रुक गयी , पर कई बार पुकारने के वावजूद भी बायीं पास मास्टर ने कोई जबाब देना उचित नहीं समझे ! ट्रेन पांच मिनट तक रुक गयी ! फिर ग्रीन लाइट आने के बाद हम आगे की तरफ प्रस्थान कर गए ! इसकी सूचना मेरे सहायक ने सेल फोन के द्वारा , मुख्य शक्ति नियंत्रक को दे दी ! वाडी जाने के बाद , इसकी शिकायत मैंने - शिकायत पुस्तिका में भी लिख दी !
पर क्या कुछ , कार्यवाई हुयी ? अभी तक तो जीरो ! आये ऐसी कुछ परिस्थितियों पर नजर डालें- जो खतरनाक साबित हो सकती है !
१) लाल बत्ती की अवस्था में ट्रेन आगे ले जाने पर - लोको पायलट को डिसमिस या बर्खास्त किया जा सकता है ! इस घटना में किसी की नाजुक गलती - लोको पायलट के लिए खतरनाक साबित हो सकती है !
२) इस अवस्था में आगे बढ़ने पर कोई अंजान दुर्घटना के भी अंदेशा से नहीं मुकरा जा सकता है !
३) सिगनल की खराबी - बड़े खतरों को निमंत्रित कर सकती है !
४) मास्टर की लापरवाही भी इसमे शामिल है !
५) इस तरह की घटनाये , ट्रेन के पटरी से उतरने के कारण भी है !
६) और बहुत कुछ ....................और
७) सब तो ठीक है ---जो भी होगा देखा जायेगा , अंत में लोको पायलट को बलि का बकरा बनना पड़ेगा !
मेरे गार्ड साहब -एस.आर.नायक ., मेरा सहाय - एस चाँद बाशा , मेरा लोको संख्या -११३४७ / पुणे बेस !
यहाँ सबसे महत्त्व पूर्ण बात यह है की मैंने समय रहते हुए -इस गलती को प्रशासन के सम्मुख रख दिया है ! इस तरह की कई घटनाओ को प्रस्तुत कर चूका हूँ ! फिर प्रशासन उचित कार्यवाही क्यों नहीं कर रही है ? क्या नए दुर्घटनाओ का इंतजार है ! अभी - अभी पता चला है की अरक्कोनाम टक्कर ( दो ट्रेन के बीच - जिसमे दस से ज्यादा लोगो की जान गयी ) में भी सिगनल के खराबी का अंदेशा किया जा रहा है ! व्यवस्था या दुर्व्यवस्था ! कब तक लोको पायलट और यात्री मरते रहेंगे ?
( सौजन्य - जोइंट जनरल सेक्रेटरी / ऐल्र्सा / दक्षिण मध्य रेलवे )
जी आपका कार्य बहुत ही सावधानी का है
ReplyDeleteलापरवाही भले स्टेशन मास्टर की हो फ़ंसना चालक को ही है,
अत: इसी प्रकार सावधान रहना"
सरकार को तुरंत करवाई करनी चाहिए ....कब तक मासूम लोग मरते रहेंगे और निर्दोषों को सजा मिलाती रहेगी ,आपके विचार सराहनीय हैं साथ ही कर्तव्यपालन भी
ReplyDeleteअसल बात आम आदमी को कहां पता चलती है इसीलिए वह भी ड्रायवर को ही दोष देने लगता है।
ReplyDeleteमानवीय भूल और प्राकृतिक प्रकोप
ReplyDeleteदो बड़े कारण ||
बहुत बढ़िया ||
बधाई ||.
badi badi durghatnao ke peechhe chhoti chhoti baten hi hoti hai..ise manveey bhool kah kar tala nahi ja sakta.
ReplyDeleteअव्यवस्था और अकर्मण्यता अपनी जगह है। लेकिन कर्तव्यपालन का स्थान इस सब से ऊँचा है। अपना कर्तव्य करते समय यह सोचना कि अन्य लोग क्या कर रहे हैं सब से गलत बात है। एक व्यक्ति का कर्तव्य पालन उस के
ReplyDeleteआसपास की व्यवस्था को व्यवस्थित करता है।
करता कोई है, भरता कोई है। आशा है कि कार्रवाई होगी, ये तय नहीं किस पर?
ReplyDeleteबैस्ट ऑफ़ लक टू यू, मि. शॉ।
गंभीरता की कमी ही सभी दुर्घटनाओं का कारण है..
ReplyDeleteबुरा संकेत है। व्यवस्था सुधारने पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिये।
ReplyDeleteआपने हमे एक अच्छी जानकारी से अवगत कराया है.
ReplyDeleteसमय रहते चेतना जरूरी होता है.
अच्छी पोस्ट के लिए आभार.
अपराधी को सज़ा होनी चाहिए
ReplyDeleteहमारे देश सिर्फ जनसँख्या और अपराध बढ़ने की गति तेज़ है। लेकिन जहाँ कार्यवाई होनी चाहिए वहां नहीं होती।
ReplyDeleteसही मुद्दे को लेकर बेहतरीन प्रस्तुती ! कितनी भी बड़ी दुर्घटना क्यूँ न हो पर छोटी सी लापरवाही के कारण भयानक हादसा हो जाता है! सावधानी पर ध्यान देना आवश्यक है!
ReplyDeleteमेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
♥
ReplyDeleteआपको सपरिवार
नवरात्रि पर्व की बधाई और शुभकामनाएं-मंगलकामनाएं !
-राजेन्द्र स्वर्णकार
दरअसल हम संवेदन शीलता खो रहे हैं ... अपने दुःख को ही दुःख समझते हैं और बाकी सब सरसरी टूर पर लेते हैं ... रेलवे को ऐसी बातें तुरंत अमल में लानी चाहियें ...
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर भाव भर दिए हैं पोस्ट में........शानदार| नवरात्रि पर्व की शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरेलवे को ऐसी बातें तुरंत अमल में लानी चाहियें|
ReplyDeleteनवरात्रि पर्व की शुभकामनाएं|
ये तो गंभीर मामला है। मैने इस मामले को नोट किया है, सोमवार को रेलवे बोर्ड में वरिष्ठ अधिकारियों को बताऊंगा।
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