जन्म - जन्म का साथ है हमारा -तुम्हारा ! सभी कही न कही कह या सोंच लेते है ! देव के मन में क्या समायी जो इस दुनिया में औरत और मर्द को जन्म दे दिए ! मैंने ममता के बारे में ज्यादा जानना चाही ! ममता कुछ समय तक हंसती रही और यकायक दिल से रो पड़ी ! वह आंसू बहुत ही पीड़ादायी थे !
वह औरत , जिसे मैंने बचपन से प्रौढ़ और माँ बनते देखा था ! आज वह किसी के सहारे की मोहताज नजर आ रही थी !संक्षेप में इस कहानी को रख रहा हूँ ! वह भी जो सुना और जान पाया ! उसका नाम ममता है ! घर आते ही , पत्नी ने मुझे बताया की - ममता अपने ससुराल से आ गयी है ! जी हाँ -वह हमारे पड़ोस में रहने वाली लड़की है ! चार वर्ष पहले उसकी शादी धूम - धाम से हुयी थी ! दो वर्ष बाद वह एक बेटे को जन्म दी ! बेटे का जन्म भी उसके माता - पिता के घर ही हुआ ! ससुराल वाले उसे देखने या लेने नहीं आयें ! लगातार दो वर्ष हो गए ! कुछ सामाजिक दबाव के कारण --उसके ससुराल वाले एक दिन आये और उसे बिदा करा ले गए ! कुछ दिनों बाद ममता ने अपने मायके फोन पर बताई की उसका पति दूसरा शादी कर लिया है , और उस महिला शारदा को भी घर में ही रखे हुए है ! यह सुन ममता के मैके वाले सन्न रह गए और तुरंत पांच पुलिस वालो के साथ , उसके ससुराल जा टपके ! कहा सुनी हुयी और ममता ने उस घर में रहने से इंकार कर दिया !
सुनील दोनों को पत्नी बना कर रखने के लिए तैयार था !पर ममता के पिता को यह परहेज नहीं था , एक म्यान में दो तलवार - भला कैसे रह सकती है और अंत में मामला यहाँ तक आ टपका की - सुनील के घर वाले शादी के पुरे सामान और खर्च वापस देने पर राजी हो गए ! उसकी सास और ससुर उसे जाते हुए एक तक देखते रहे , ताकि बहु घर से बाहर न जाय ! ममता दिल पर पत्थर रख - घर से बाहर निकल गयी ! गाँव और बिरादरी वाले अचंभित देखते रह गए ! ममता अब अपने पिता के घर आ गयी ! सुनील के परिवार वाले सभी खर्च और सामान वापस कर दिए है !
सुनील दूसरी पत्नी -शारदा के साथ नयी जिंदगी जी रहा है ! ममता अपने दो वर्ष के बेटे के साथ जीवन के घाव को सहला रही है ! अब प्रश्न यह उठता है की आखिर यह सब कैसे और क्यों हुआ ? एक औरत - दुसरे औरत की दुश्मन कैसे हो गयी ? एक मर्द दूसरी शादी के लिए क्यों मजबूर हो गया ? आयें कुछ हवा के रुख को ही समझे , जो कुछ सुनने को मिला !
पहले सुनील को ले ! शादी के बाद से ही उसके व्यवहार ममता के प्रति खिन्न रहा ! ममता पर उसने कई घरेलू आरोप लगाते रहे जैसे देवर से सम्बन्ध .. गवार ...वगैरह - वगैरह ! बात यहाँ तक पहुंची की दिन प्रतिदिन पति - पत्नी में प्यार के वजाय, एक दुसरे के प्रति घृणा और द्वेष ने जन्म लेना शुरू कर दिया ! ननद के व्यवहार भी रखने लगे ! बेचारी सास और ससुर का ही सहारा बचा था ! जो उसे बेहद चाहते थे ! ममता के मन में आग की ज्वाला धधकने लगी ! एक दिन वह घर छोड़ अकेले मइके चल दी ! उस समय उसे दो माह का गर्भ भी था ! इस अवस्था में देख और चुपके से यहाँ आना , उसके पिता को अच्छा न लगा ! उसके पिता आंसू पी कर रह गए !
ममता का घर से मइके जाना - सुनील को एक हाथ में दो लड्डू जैसा प्रतीत हुआ ! अब उसकी कहानी पुराणी मित्र - शारदा के साथ जम गयी ! वह शहर के कालेज में पढ़ती थी ! सुनील उसे मोटर सायकिल पर बैठा कर कालेज ले जाता ! दोनों मौका मिलते ही -सिनेमा को जाते ! कालेज से घर लाता और शारदा के घर वाले कुछ नहीं बोलते थे ! उन्हें इनके नाजायज सम्बन्ध की परख न थी ! क्योकि उन्हें मालूम था - सुनील शादी सुदा है ! आग जलती रही ! रोटी पकाते रहे ! परिणाम भी बाहर आ गया ! तब जाकर सभी के कानखड़े हुए ! आनन् फानन में शारदा के घर वाले - दोनों की शादी मंदिर में कर दिए ! यहाँ से सुनील दो फूल और एक माली बन गया ! उसके घर वालो को इस बात की कोई जानकारी नहीं थी ! शारदा अपने माता- पिता के घर ही थी ! इधर सुनील को शराब की लत ज्यादा हो गयी ! यह देख सुनील के घर वाले भी परेशां !
इधर समय के अनुसार - ममता ने एक पुत्र को जन्म दिया ! इसकी खबर उसके ससुराल भी गयी ! किन्तु कोई भी इसे देखने या बच्चे को पुचकारने नहीं आया ! देखते- देखते दो वर्ष बीत गए ! ममता का बेटा एक वर्ष का हो गया ! ममता के ससुराल से कोई भी नहीं आया ! तब जाकर ममता के पिता को दुसरे के माध्यम से सूचना देनी पड़ी ! रिश्तेदारों के दबाव में आकर सुनील एक दिन अपने ससुराल आया और ममता को बिदा करा ले गया !
एक रात - सुनील ने ममता को कहा की वह दूसरी शादी करेगा और उसे छोड़ देगा ! ममता बात को गंभीरता से न ली और मजाक समझ -कह दी की कर लीजिये ! वह भी रहेगी ! इसमे क्या हर्ज है ! फिर क्या था ! दुसरे दिन ही -प्रतीक्षा रत पत्नी शारदा को घर लेकर आ गया ! यह सब देख घर का पूरा माहौल माता - पिता , पत्नी , भाई - बहन और आस - पास के लोगो के बिच कुरुक्षेत्र के मैदान सा बन गया ! हालत के गंभीरता को देखते हुए , सुनील ने दोनों को पत्नी का दर्जा और एक ही घर में रखने के लिए तैयार हो गया ! ममता के आंसू थमने के नाम नहीं ले रहे थे ! बाद में - वही हुआ जो पहले ऊपर उल्लेख किया जा चूका है !
जी हाँ , यही है त्रिभुज सी जिंदगी ! प्रश्न है ----ममता के पूरी जिंदगी का क्या होगा ? क्या ममता दूसरी शादी करेगी ? कौन है जो एक बेटे की माँ से शादी करेगा ? ममता अगर शादी न की , तो जब बेटा बड़ा होगा और पिता के बारे में जानना चाहेगा , तो क्या बताएगी और कैसी प्रतिक्रिया होगी ? सुनील शारदा के साथ जीवन निभा पायेगा ? हाँ तो कैसे, नहीं तो क्यों ? शारदा ने इस नारी युग में एक नारी के साथ जो अत्याचार की है - क्या ज़माना भूल पायेगा ? त्रिभुज से ग्रस्त बच्चो का भविष्य कैसा होगा ? क्या यह सच नहीं की एक नारी ने दुसरे नारी की हत्या कर दी , उसकी अस्मिता लुट ली , उसके गौड़ अधिकार छीन लिए ? समाज क्या इन्हें माफ करेगा ? बहुत से अनुत्तरित प्रश्न हमारे सामने खड़े है - क्या यही आधुनिकता , शिक्षा , संस्कार और अनुशासन है ?
( सत्य पर आधारित घटना - नाम बदल दिए गए है ! अभी बहुत कुछ कहा और लिखा जा सकता है इस त्रिभुज पर ! थोड़ी -कुछ कमियों को आप पूरा करें ! )
ये भी कुछ कहता है ----एक सुन्दर गीत
sajanawa bairi ho gaye hamar..
ये भी कुछ कहता है ----एक सुन्दर गीत
sajanawa bairi ho gaye hamar..
जो भी हुआ अच्छा नहीं हुआ |
ReplyDeleteममता और उसके मायकेवालों को अदालत की शरण में जाना चाहिए | एक पत्नी के रहते हुए दूसरी शादी करना कानूनन जुर्म है |
कड़ी से कड़ी सजा दिलाने का प्रयास करना चाहिए ताकि ऐसे लोगों को सबक मिल सके |
ममता को अपने पाँव पर खड़ी होकर जिंदगी जीने का प्रयास करना चाहिए , यदि कोई ईमानदार जीवनसाथी भविष्य में मिलता है तो इस पर भी विचार करना चाहिए |
त्रिभुज में जीवन नरक हो जायेगा। यदि माँ और बेटे, दोनों को कोई प्रेम से अपना ले तो दूसरा विवाह कर लेना चाहिये।
ReplyDeleteममता की ऐसी अवस्था के के लिए 'जागरूकता' का अभाव होना है! इसमें कोई शक़ नहीं कि माँ -बेटे के लिए अब 'ज़िन्दगी' कतई आसान नहीं है! ममता को क़ानून का सहारा लेना चाहिए ! हो सके तो दूसरी शादी के विषय में सोचना चाहिए !
ReplyDeleteजीवन में थपेड़े पड़ते हैं तो कई बार बस की बात नहीं होती.
ReplyDeleteअभी हाल में ही खबर सुनी एक बहिन और उसके पति ने
मिल कर चचेरे भाई की हत्या कर दी.मदर इंडिया याद आती
है,जिसमे नायिका ने प्रस्थितियों का डट कर सामना किया
और वक़्त पड़ने पर इज्जत की खातिर आपने पुत्र पर भी गोली
चला दी.
शायद कोई ऐसा मिल जाय जो माँ-बेटे दोनों को ही प्यार से अपना ले .........मेरे ख्याल से कोई न-कोई रास्ता भगवान जरुर सुझाएँगे
ReplyDeleteपरिस्थितियाँ तो विकट हैं|
ReplyDeleteसबसे पहले तो सुनील की दूसरी शादी ही नाजायज़ है, यदि वह हिन्दू है तो...
पहली पत्नी की मृत्यु अथवा तलाक के बिना हिन्दुओं में दूसरी शादी गैरकानूनी है| ममता व उसके परिवार को क़ानून का सहारा लेना चाहिए|
समाज इसी तरह सड़ गल रहा है .ममता की शालीनता और सब्र का ही सबब है यह .औरत की यही नियति परम्परा -बढ समाज कमोबेश मान चला है .एक ब्याहता और एक .....
ReplyDeleteसमाज इसी तरह सड़ गल रहा है .ममता की शालीनता और सब्र का ही सबब है यह .औरत की यही नियति परम्परा -baddh , समाज कमोबेश मान चला है .एक ब्याहता और एक .....
ReplyDeleteaadarniy sir
ReplyDeleteaapki prastut kahani ne bahut kuchh sochne par majbur kar diy hai.
aaj ham jahan padhe likhe v sanskari hone ki duhai dete hain vahin samaj me is tarah ke bahut si baate drishhtigochar hoti hain .aaj ek aourat hi dusari aourat ki bigde halat ki jimmedar ban gai hai.isko ham kya naam den.
jo hamari parampara se tatha kanoonan bhi galat hai.isme istri aor purushh dono hi jimmedar hain.
mamta ne naari hone apna rup dikhaya hai.swvbhavtah ek swabhimani naari ise kisi bhi rup me nahi bardasht kar sakti hai.
bahut hi vicharniy prashn haijiska hal aasani se nahi nikal sakta hai.
aapki prastuti ne bhaut hi prabhavit kiya
sadar naman
poonam
सुरेंद्र सिंह झंझट के विचारों से पूर्ण सहमति.
ReplyDeleteहम एन जी ओ की एक ऐसी ही संस्था चलाते हैं ....
ReplyDeleteनित्य प्रति ऐसे केस देखने और सुनने को मिलते हैं ....
ममता को चाहिए किसी नजदीकी एन जी ओ महिला संरक्षण संस्था का सहारा ले
यहाँ न्याय जल्द और निशुल्क किया जाता है ...सिर्फ जरुरी रकम ही देनी पड़ती है ....
कोर्ट भी इसे प्रमुखता देता है ...
इसमें ममता बच्चे और अपनी की परवरिश का खर्च मांग सकती है ....
हरकीरत जी की सलाह बहुत व्यावहारिक है.
ReplyDeleteममता चुप क्यों है? अपना अधिकार क्यूँ छोड़ दिया है?
ReplyDeleteममता का परिवार दबंग है !कुछ संकीर्ण भी ! उनका कहना है , जहाँ मेरी लड़की सुखी नहीं है , उनसे लड़ कर हमें क्या मिलेगा ! अब ममता उस घर में कदम भी नहीं रखना चाहती है ! वह आत्म निर्भर बन और उसके पुत्र को बड़ा कर -कुछ बनाना चाहती है ! दुसरे शादी का इरादा नहीं है ! बाकि कह नहीं सकता --की उसके घर वालो का कुछ और मंशा क्या है ? देंखे - समय किस करवट लेता है !
ReplyDeleteकहानी बहुत कुछ कहती है,नए सबक ज़रूर मिलते हैं !
ReplyDeleteये ठीक नहीं हुआ,
ReplyDeleteविवेक जैन vivj2000.blogspot.com
हमारे पुरुष समाज की बर्बरता का उदहारण है ये ... सबको पता है देश में क़ानून जैसी कोई चीज नहीं है ... नारी चाहे वो पत्नी, बेटी या माँ हा पुरुष के ही अधीन है और ऐसी बातों का साथ न चाहते हुवे भी देती है ...
ReplyDelete