Friday, September 24, 2010

कुछ भी हो सकता है..........................


  जरा इस  तस्बीर को देखिये ,इसमे कुछ भैंस का समूह,रेल लाइन को पार कर रही है.यह कहाँ तक सुरक्षित है-आप भी सोंचे.हम लोको चालको को ऐसी हालत में काफी घबराहट सी हो जाती है.समझ में नहीं आता की जल्दी में क्या करे? जैसे गाड़ी खड़ी करे या चलने दे,क्यों की ये भैंस तुरंत रेल लाइन से बाहर भी जा सकती है.अगर गाड़ी इनसे टक्करा गई,तो brake पद्धति,coach ,या लोको के किसीभाग में नुकसान पहुँच सकती है 
           लोको चालक यदि अचानक  ब्रेक लगा दे,तो यात्री गाड़ी के मामले में, यात्री के घायल होने की संभावना बढ़ जाती है .गाड़ी सुरक्षित तभी रोकी जा सकती है,जब इसके ब्रेक का इस्तेमाल उचित दुरी से किया जाये.रेलवे में इसके अलग-अलग पैमाने है.
         मवेशियों का रेल लाइन पर आ जाना अचानक ,तैयार हुई समस्या है.इसके लिए इनके मालिक पूरी तरह से जिम्मेदार है.भारतीय रेल अधिनियम के अनुसार किसी को रेलवे परिसर में,बिना अनुमति प्रवेस मना है.बिभिन्न परिस्थितियों में बिभिन्न सजा का प्रावधान है.
                 चरवाहों को चाहिए की अपनी मवेशियों को रेल लाइन के आस-पास न छोड़े/चरने दे.
     आखिर क्यों.......?    हम अपने जीवन में कभी-कभी सुरक्षित उपाय या तरकीबो का इस्तेमाल नजर अंदाज कर देते है. कृपया,रेल को सुरक्षित चलने के लिए ,अपना भरपूर सहयोग प्रदान करे.आप को आप के मंजिल तक ले जाने के लिए,हम लोको चालक सदैव प्रयत्नसिल है.

2 comments:

  1. As tresspasser is being fined/arrested in mumbai division, same action also to be taken in this case.

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