Thursday, November 18, 2010

धूम्रपान करने वाली महिलाओं के बच्चे आपराधिक प्रवृत्ति के

नई दिल्ली। गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान करने वाली महिलाओं के बच्चे आपराधिक प्रवृत्ति के होते हैं। अमेरिका में हाल ही में किए गए एक अध्ययन से पता चलता है कि गर्भावस्था के दौरान एक दिन में बीस या इससे अधिक सिगरेट पीने वाली महिलाओं के बच्चों में आपराधिक प्रवृत्ति होने की संभावना तीस फीसदी से भी अधिक होती है। अध्ययन के दौरान 1959 से 1966 के दौरान जन्मे करीब चार हजार बच्चों का चाल चलन देखा गया। इन बच्चों की माताओं से उनकी धूम्रपानी की आदतों समेत कई सवाल पूछे गए थे।
एपिडेमोलाजी एन्ड कम्यूनिटी हेल्थ पत्रिका में छपी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अध्ययन के दौरान इस बात के भी साक्ष्य मिले हैं कि सिगरेट में पाया जाने वाला निकोटिन मस्तिष्क के विकास को प्रभावित करता है। रॉयल कॉलेज आफ ऑबस्टेट्रीशियन्स एंड गाइनोकोलोजिस्ट (आरसीओजी) के उपाध्यक्ष प्रोफेसर जेम्स वॉकर ने कहा कि धूम्रपान गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य खासकर गर्भस्थ शिशु के विकास पर बुरा असर डालता है।
उन्होंने कहा कि धूम्रपान करने वाली महिलाओं को बच्चों का जन्म के समय सामान्य से कम वजन होना, समय से पूर्व प्रसव होना, मृत शिशु पैदा होने जैसी परेशानियां भी झेलनी पड़ सकती हैं। वैज्ञानिको का कहना है कि यदि महिलाएं धूम्रपान पूरी तरह न छोड़ पाएं तो कम से कम उन्हें गर्भावस्था के दौरान तो धूम्रपान बंद या फिर कम तो कर ही देना चाहिए।
वैज्ञानिकों ने साथ ही यह साफ किया है कि धूम्रपान और अपराधी प्रवृत्ति के सीधे संबंध को साबित करने के लिए अभी और शोध किये जाने की जरुरत है।

4 comments:

  1. यह आदर्श स्थिति होगी कि मांएं धूम्रपान न करें,बच्चा अपराधी प्रवृत्ति का होना सिद्ध न हो,तो भी।

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  2. Bahut saarthak post hai.... aise vishyon par awerness zaroori hai.... hamre yahan bhi ab yeh trend badh raha hai....

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