सुबह करीब दस बजे होंगे । अभी - अभी सोकर उठा था । लोको चालको को अनियमित खान - पान और सोने की आदत जो होती है । जो कि मजबूरी है । मैडम साहिबा चाय लेकर हाजिर हो गई थी । जैसे अनियमितता से कोई सरोकार नहीं । प्रथा सी बन गई है । मैंने चाय कि चुसकी ली और टी वी चैनलो पर एक नजर दौड़ाते हुए मैडम कि तरफ मुखातिब होकर पूछ ही लिया - " क्यूजी कल फ़ोन पर जबाब क्यों नहीं दे रहीं थी ? " मैडम कुछ पल चुप ही रही और बोलीं - " न जाने किस तरह मोबाइल रिपेयर करवाते है कि मेरी आवाज आप तक नहीं जा पा रही है । आप कि आवाज मुझे साफ़ सुनायी दे रही थी । "
हैरान करने वाली बात थी । अभी बारह नवम्बर को ही इसकी मरम्मत करवाया थी । वह भी कंपनी के ग्राहक सेवा केंद्र में । बहुत गुस्सा महसूस हुआ । इच्छा हुई इस कंपनी के मोबाइल उठा के तोड़ दु । हाँ उस दिन ग्राहक सेवा केंद्र में भी यही बात कह दी थी कि दुबारा शिकायत आने पर अब नहीं आउंगा और इसे पत्थर से तोड़ दूंगा । उस पर मैकेनिक ने कहा था -" इस दिन से एक महीने कि वारंटी है । "
मैंने मैडम से कहा -" रिपेयर वारंटी के अंदर है । मेरे सुिटकेश में मोबाइल रख दें , आज फिर सिकंदराबाद जानी है । एक बार फिर ग्राहक सेवा केंद्र से जांच करवा लूँगा । "
ग्राहक सेवा केंद्र /सिकंदराबाद
दूसरे दिन योजना के मुताबिक करीब शाम को साढ़े तीन बजे ग्राहक सेवा केंद्र में पहुँच गया था । कोई भीड़ नहीं थी । मैकेनिक को पूरी बातें बताई और पुराने बिल को दिखाया । सर - स्पीकर बदलने होंगे । थोड़े समय बैठिये । मै भी इंतजार में बैठ गया । करीब आधे घंटे में रिपेयर पूर्ण हो गया था । उन्होंने मुझे बुलायी और मोबाइल मेरे हाथ में थमा दिए । " अब समस्या नहीं आएगी न ? " - मैंने पूछा और साथ ही यह भी अनायास कह डाली कि अब जीवन में इस कंपनी का सेट नहीं खरीदूंगा । इस कंपनी के सेट बहुत समस्याए उत्तपन्न कर रहे है । फिर क्या कहने ? बगल में ही ग्राहक केंद्र का इन-चार्ज भी खड़ा था । आग बबूला हो गया और मैकेनिक से कहा कि जो पार्ट बदले हो , उसे निकाल लिया जाये और इन्होने जितना बिल भरा है , सारे पैसे वापस कर दो ।
मै थोड़े समय के लिए सन्न रह गया। समझ में नहीं आया कि क्या करूं या कहूं क्युकी बनी हुई मोबाइल फिर बेकार होने जा रही थी । फिर भी इज्जत का सवाल था । मैंने भी हामी भर दी और कंपनी से उपयुक्त शिकायत करने की धमकी दे डाली । कुछ और ग्राहक भी आ चुके थे , जो अपने -अपने सेट के साथ अफसोस जाहिर कर रहे थे और मेरे समर्थन में थे । ग्राहक सेवा केंद्र ने दस मिनट में मेरे मोबाइल सेट , पुराने पुरे रिपेयर चार्ज के साथ वापस दे दिए । मै झुंझलाए सा , हार महसूस करते हुए सेवा केंद्र से बाहर निकल गया ।
पांच बजने वाले थे । अभी राजधानी एक्सप्रेस आने में डेढ़ घंटे का अंतर था । फिर यह मैडम का मोबाइल और रिपेयर न होने के एवज में पांच / छः हजार के झटके लगने का डर सताने लगा । कुछ तो करना ही होगा । फिर क्या था ? स्टेशन के बगल में एक जानी -पहचानी मोबाइल रिपेयर कि दुकान थी । वही जा पहुंचा । दूकानदार देखते ही अपने मैकेनिक से कहा -सर आये है । इनकी समस्या सुन ले । मैकेनिक ने मेरे सामने ही रिपेयर किया । मोबाइल फिर चंगा हो गया और चार्ज भी ग्राहक सेवा केंद्र से पचास रुपैया कम । जी हाँ आज भी वह मोबाइल मैडम कि आवाज को आज्ञाकारी शिष्य कि तरह एक दूसरे के पास सफलता पूर्वक पहुंचा रहा है । क्या ग्राहक सेवा केंद्र धोखा देते है ?
आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार २४/१२/१३ को राजेश कुमारी द्वारा चर्चा मंच पर की जायेगी,आपका वहाँ हार्दिक स्वागत है।
ReplyDeleteकम्पनिया बेचते वक्त बड़े २ वादे करती बाद में सबका यही हाल है ..!
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RECENT POST -: हम पंछी थे एक डाल के.
आपकी इस प्रस्तुति को आज की बुलेटिन बदसूरत बच्चा और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
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ReplyDeleteयही हाल है सभी का ....
ReplyDeleteये तो चोरी और सीनाजोरी का केस हुआ। घटिया माल, बेकार सर्विस और ऊंचे दाम लेने की माफी मांगने के बजाय दादागिरी दिखा रहे हैं। कंपनी को शिकायत तो कीजिये ही साथ ही कंपनी का नाम भी यहाँ दीजिये ताकि अन्य लोग धोखा खाने से बचें।
ReplyDeleteI am really surprised by the quality of your constant posts.You really are a genius,.thanks For Sharing This Post. this is a very helpful post for me.
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