आज दिनाक 17 सितंबर 2015 है । एक तरफ विश्वकर्मा पूजा की धूम है तो दूसरी तरफ बिघ्नकर्ता दुखहरन गणपति की पूजा । और इस एक संयोग को क्या कहे कि आज ही कर्मठ सदाचारी और पूर्ण मानव हमारे प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र दामोदर मोदी जी का जन्म दिवस भी है । एक दिवस और त्रिकर्ता एक साथ । संयोग कुछ तो इंगित जरूर करता है । विश्व को बनानेवाला विश्वकर्मा जी , विश्व का दुःख हरण करता गणेश जी और आज के विश्व को नव सृजन की गति देने में व्यस्त मानवो का देव नरेंद्र मोदी जी । ऐसे संयोग किसी शुभ आगमन को ही इंगित करतेे है ।
दूसरी तरफ जंगल राज में मंगल मनाते दानवो की हाथो में तमंचा । बहु बेटियो के तिरस्कार , लूट मार की भरमार उत्तर प्रदेश राज्य । जी हाँ आज ही मुरादाबाद ( उत्तर प्रदेश ) में समाज कल्याण मंत्री के सलाहकार बने कुरैशी के समर्थको ने भरी बाजार में वह भी थाने के सामने अंधाधुंध गोलियों की बौछार करते दिखे । जिसे ज़ी न्यूज़ ने टेलीकास्ट किया है । यह जंगल राज नहीं है तो और क्या है ? ठीक ही कहा गया है जैसी राजा वैसी प्रजा भी हो जाती है । कहने को उत्तर प्रदेश भारत का एक बड़ा राज्य है । किन्तु कुशासन में भी कम नहीं है । चारो तरफ असामाजिक तत्वों का बोलबाला है । शासन और अनुशासन नाम की कोई चीज नजर नहीं आती।
उदहारण स्वरुप दूसरी घटना की जिक्र क्यों करे एक अपनी ही घटना की प्रस्तुति समर्पित है । प्रथम सप्ताह दिसंबर 2014 । मैं पुनश्चय पाठ्यक्रम के लिए काजीपेट गया हुआ था । गॉव से शाम को भाई का फोन आया । समाचार सुन दिमाग कौंधने लगा । दिल में पीड़ा और बदले की भावना पनपने लगी । गुस्से में अपने को संभालना कठिन हो रहा था । बात यह थी की गॉव में मेरे पड़ोसियों ने मेरी माँ और भाई को बुरी तरह से पिट कर घायल कर दिए थे । मामला पुलिस तक पहुंचा पर दरोगा FIR भी दर्ज नहीं कर रहा था । उसके ऊपर राजनीतिक पहुच का दबाव बन गया था ।
झगड़े का कारण चोरी से बिजली जलने का बिरोध करना था । मेरे पडोसी चोरी से बिजली का उपयोग कई वर्षो से करते आ रहे थे । जिसका विरोध करना माँ को महंगा पड़ गया । किसी तरह पुलिस वालो ने माँ और भाई के चोट की चिकित्सीय रिपोर्ट तैयार करवाये । उचित कार्यवाही न होते देख हमें कोर्ट के दरवाजे खटखटाने पड़े । तब जाकर FIR की प्रक्रिया पूर्ण हुई । अरेस्ट वारंट रिलीज हुए । आज विरोधी जमानत पर है और कानूनी कार्यवाही / अदालती शुरू हो गयी है । कहते है कानूनी प्रक्रिया में काफी देरी होती है । उस पर उत्तर प्रदेश हो तो क्या कहें । मेरी नजरो में जंगल राज से कम नहीं ।
माँ और भाई के घायल होने के बाद दुखित और बेचैन होना स्वाभाविक था । छुट्टी लेकर जाने की इच्छा हमेशा बनी रही , पर जा न सका । दो या तीन दिनों बाद की बात है । मै फेशबुक के पन्नों को पलट रहा था । वही एक दोस्त ने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल माननीय राम नायक जी को प्रश्न के घेरे में खड़ा कर दिया था । बात यह थी कि किसी कार्यक्रम में उन्होंने अपने भाषण में यह कह दिया था कि प्रदेश में बिजली चोरी करने वालो को जुत्ते से मारे । टिप्पणी कर्ता ने उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में संभव नहीं है , जैसे प्रश्न खड़े कर दिए थे । इस विषय के ऊपर मेरे दिमाग में भी बिजली कौंध गयी । सोंचा यही एक अच्छा मौका है क्यों न उत्तर प्रदेश के राज्यपाल से शिकायत की जाए । मेरे माँ और भाई का मामला भी बिजली से सम्बंधित है ।
इंटरनेट की दुनिया में गोते लगानी शुरू कर दी । उत्तर प्रदेश के राज्यपाल का इ मेल आईडी मिल गया । फिर क्या था लगा दी शिकायत यह कहते हुए कि क्या आप उचित कार्यवाही करेंगे ? मेल रजिस्टर्ड हो गया था । दिन हप्ते और महीने बीत गए । मेरे दिए हुए मोबाइल नंबर पर कोई कॉल भी नहीं आई । अचानक एक दिन मेल बॉक्स खोल और उसमे राज्यपाल द्वारा कार्यवाही किये जाने की कॉपी मुझ सूचनार्थ मेल की गयी थी । दिल को थोड़ी सी सुकून मिली । चलो किसी ने सुध ली । फिर भी संदेह बनी हुयी थी एक राज्यपाल अकेले क्या कर लेगा ? संदेह गलत नहीं थी । महीनो बाद पुलिस वालो से रिपोर्ट तलब की गयी और एक दिन रात दस बजे राज भवन से कॉल आई । शायद इ मेल सही था या फर्जी की जानकारी ली गयी । आज इस पोस्ट को लिखे जाने तक क्या कुछ हुआ - समझ से बाहर है । मामला कोर्ट के अधीन जा चूका है , क़ानूनी देरी सभी को परेशान करती है ।
जो भी हो राज्यपाल की सोंच सकारात्मक और प्रशासन नकारात्मक पथ पर अग्रसर है इसमे दो राय नहीं । राज्य के नागरिको को सचेत और अनुशासित होना होगा । तभी जंगल राज से मुक्ति की अपेक्षा की जा सकती है । आज भी न्याय के लिए आँखे बेक़रार है क्योंकि कानून अँधा होता है ।
हाँ ,आमजन की जागरूकता ज़रूरी है ।
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