सरकार बदल चुकी थी । नई सरकार का होना और उनके कार्यक्रम से बिदित था कि यह सरकार कड़क चाय की प्याली है । पत्रकारों के चैनलों की टीआरपी घटने लगी थी । लोगो का विश्वास सरकार के प्रति बढ़ चला था ।चोर उचक्के अपने सुरक्षा के प्रति जगह ढूंढने लगे थे । विरोधियों के बेचैनी थी क्युकी जनता ने उनके कर्मो की सजा दे चुकी थी ।टीवी वालो की चिंता टीआरपी पर थी । आज आवश्यक मीटिंग में यह कार्यक्रम पेस हुए की टीआरपी बचाने के लिए कोई स्टिंग की जाय जो सरकार की कमजोरी उजागर करे । मंथन जारी था ।
सवाल यह था कि सरकार के विरोध में कोई भी कर्मचारी स्टिंग के लिए तैयार कैसे होगा ? एक पत्रकार ने धीरे से कहा - चिंता न करें । काम हो जाएगा । आप स्टिंग की तैयारी करें ।
सदानंद टीवी के सामने बैठकर समाचार देख रहा था । आज स्टिंग की समाचार आने वाली थी । पत्नी नाश्ते की प्लेट के साथ हाल में हाजिर हुई । स्टिंग ऑपरेशन प्रसारित होने लगा । सदानंद और पत्नी की आंखे टीवी स्क्रीन पर टिकी हुई थी । अरे ये क्या ? आप की तस्वीर दिख रही है - पत्नी कुछ सहमी सी आश्चर्य के साथ बोली । हां भगवान मै ही हूं ।
तो क्या आपने अपने विभाग के खुफिया जानकारी को लिक करने लगे है ? पत्नी का सवाल सुन सदानंद कुछ मंद मंद मुस्कुराया और बोला - क्या हो गया । विभाग मे बहुत ही भ्रष्टाचार व्याप्त है , किसी को तो सामने आना चाहिए ?
तभी अगली समाचार दोनों की आंखो के तैर गई । विभाग का एक अफसर संवाद दाता से मुखातिब होकर कह रहा था - सरकार सभी शिकायतों की जांच करवाएंगे । हमने सदानंद को तुरंत निलंबित कर दिया है ।
पत्नी को जैसे लकवा मार दिया । अब क्या होगा । विभागीय कार्यवाही होगी । सदानंद की नौकरी खतरे में । झिल्लते हुए बोली - अब क्या होगा ? हमेशा उल्टा पुल्टा कार्य करते रहते है ।
सदानंद मंद मंद मुस्कुराते हुए उठा और अपना ब्रीफकेस लाकर पत्नी के समक्ष रख दिया । बोला _ खोलो ? पत्नी की आंखे फटी रह गए । ब्रीफकेस नोटों से भरा हुआ था ।
पूरे एक करोड़ है । नौकरी का डर नहीं ।जीवनभर नौकरी करने के बाद भी सरकार का सेटलमेंट इतना नहीं आएगा । सदानंद ने पत्नी से कहा । पत्नी धीरे से बोली - तो यह है स्टिंग की उपहार । तुम बड़े वो हो जी । मुझे आज हार और कंगन खरीद दीजिए ।
( इससे सत्य का कोई तलुकात नहीं अगर होता है तो प्राकृतिक । सोने का देश किन्तु चिंतनीय ।)
Sahi baat kahi aapne. ME sehmat hoon aap ki es baat se.
ReplyDeleteबहुत दिन हो गए , कथा-वार्ता नहीं हो पा रही !
ReplyDeleteभाई साहब कुछ व्यस्तता की वजह से समय नही दे पा रहा हूँ । प्रयास करूंगा ।
DeleteReally great Article
ReplyDeleteLearn more
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