आज -कल हम कहाँ से कहाँ जा रहे है --यह कहा नहीं जा सकता ! कहने वाले कहते रहें , हम तो नए ज़माने के शेर है ! किसी शेर ने किसी गीदड़ को चप्पल मारा , तो किसी ने थप्पड़ ! इससे क्या फर्क पड़ता है ! जो होनी है , वह तो हो के रहेगी ! चप्पल , थप्पड़ और कल ये भी देख लें -- कितना लाजबाब है ! हमारे देश के जन प्रिय लोग ? कुछ तो भविष्य में होने जा रहा है ---
आन्ध्र प्रदेश में कल यानि दिनांक -२६-११-२०११ को एक जन सभा में कहा - सुनी के दौरान , तेलगू देशम का एम्.एल.ये.श्री चिंतामणि प्रभाकर राव , पर्यटन मंत्री श्री वट्टी वसंत कुमार के पेट में घुसा मारते हुए !
( साभार -daccan chronicle / २७-११-२०११ )
देश में एक्सपेरिमेंट चल रहा है - इसे उसी का हिस्सा समझिएगा.
ReplyDeleteन जाने कहाँ जा रहे हैं ..... ?
ReplyDeleteयही तो मन मोहनसिंह जी के उदारवाद का 'विकास माडल' है।
ReplyDeleteन जाने क्या क्या हो रहा है हमारे देश में ! बहुत ही आश्चर्य की बात है!
ReplyDeleteमेरे नये पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
http://seawave-babli.blogspot.com/