जुबान पर होली का नाम आते ही , दिल में एक उमंग हिलोरे लेने लगती है ! रंगों की हमजोली यह होली भी अजब है ! रंग फेंकने वाले की प्यार और नजाकत दोनों इसमे इन्द्र धनुष जैसी दिखती है ! गोरी हो या काली , काली हो या गोरी , सभी के ऊपर रंग की बौछार अपनी उमंग की छाप छोड़ देती है ! सभी को इस पर्व में संयम बरतने पड़ते है , अन्यथा मारा - मारी की भी नौबत आ जाती है ! जो भी हो होली तो उमंगो की गोली है ! प्यार और रंगों की समागम है ! हम सभी को धर्म - जाति से ऊपर उठा कर एक दुसरे से भाई चारे बनाते हुए इसके रंग में घुल मिल जाने चाहिए ! होली में मजाक बड़े प्रिय लगते है ! इसी लिए तो बरबस लोग कह देते है की होली में बुड्ढा भी देवर बन जाते है !
मुझे बचपन की एक वाकया याद आ गया , जब मै शायद पांचवी कक्षा का क्षात्र था ! होली का दिन ! सुबह उठते ही मैंने , पिताजी के सामने पीतल की पुचकारी लाने की ज़िद्द कर दी ! ज़िद्द के आगे पिता जी को झुकाना पड़ा ! वे धोती - कुरता पहन कर बाजार चले गए ! दो घंटे बाद पुचकारी के साथ घर वापस आये ! किन्तु धोती - कुरता का रंग पूरी तरह से बदल गया था ! फिर भी मुख पर मुस्कान के सिवा कुछ भी नहीं था !
आज वह यादे मुझे कोसती है ! धिक्कारती है ..क्यों मैंने ऐसी ज़िद्द पकड़ी और पिताजी को परेशान किया ! पर पिता जी का प्यार मुझे अपने आगोश में भर लेता है ! होली के रंग बार - बार लग सकते है , पर पिताजी की प्यार बारम्बार नहीं मिलती !
व्यस्तता की वजह से वस इतना ही ! आप सभी को होली की बहुत - बहुत शुभ कामनाये !! ( फिर मिलूँगा शिर्डी से वापस आने के बाद !)
होली के रंग बार-बार लग सकते है,पर पिताजी की प्यार बारम्बार नहीं मिलता.... !
ReplyDeleteबेहतरीन प्रस्तुति,सुंदर भाव अभिव्यक्ति....
होली की बहुत२ बधाई शुभकामनाए...
RECENT POST...काव्यान्जलि ...रंग रंगीली होली आई,
होली की शुभकामनायें .....हैप्पी होली.....
ReplyDeleteहोली के रंगों में सब अच्छा लगता है..
ReplyDeleteहोली के रंग सीधे दिल में उतर जाते हैं ...
ReplyDeleteआपको और परिवार में सभी को होली की शुभ कामनाएं ...
होली त्यौहार ही ऐसा है. सुंदर रचना. होली की आपको हार्दिक शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteबेहतरीन प्रस्तुति|होली की आपको हार्दिक शुभकामनाएँ|
ReplyDeleteहोली की मंगल कामनाएं ..
ReplyDeleteआप को भी सपरिवार होली मंगलमय हो।
ReplyDeleteबहुत ही बेहतरीन और प्रशंसनीय प्रस्तुति....
ReplyDeleteशुभकामनाएँ
आशा है आपकी होली भी रंगीन ही रही होगी. आपको पिता का प्यार सदैव मिले.
ReplyDeleteआज ही शिर्डी से वापस आया हूँ !आप सभी आदरणीय जनों का बहुत - बहुत आभार !
ReplyDeleteबच्चे की प्रकृति जिद करने की होती है ..
ReplyDeleteपिता की पूरी करने की ..
बढिया संस्मरण !!