आज - कल एक तरफ अन्ना , तो दूसरी तरफ रामदेव और तीसरी तरफ -हम नहीं बदलेंगे ! दुनिया में आन्दोलन होते रहते है और अनर्थकारी अपने हरकतों से बाज नहीं आते ! पिछले तीन दिनों में जो कुछ भी महसूस किया , वह मन को उद्वेलित कर गयी ! त्तिरछी नजर ---
१) गोरखपुर सुपर फास्ट एक्सप्रेस को लेकर सिकंदराबाद जा रहा था ! ट्रेन दोहरी लाईन पर दौड़ रही थी ! एक कुत्ता दौड़ते हुए दोनों पटरियों के बीच में आया और राम-राम सत्य ! कुछ गड़बड़ की आभास ...
२) उसी दिन - कुछ और आगे जाने के बाद देखा एक बुजुर्ग...धोती कुरते में था ..आत्म हत्या वश , तुरंत पटरी पर सो गया ! मेरे होश उड़ गए ! ११० किलो मीटर की रफ्तार से चलने वाली गाडो कब रुकेगी ? किन्तु जिसे वो न मारे , भला दूसरा कैसे मारेगा ? उस व्यक्ति का बाल न बाका हो सका ! है न आश्चर्य वाली बात ! मुझे हंसी भी आ रही है ! क्यों की वह जल्दी में दूसरी लाईन पर जा कर सो गया ! हम सही सलामत अपने रास्ते आगे बढ गए !
३) तारीख ३१-०३ -२०१२ , दिन शनिवार ! पुरे देश में नवमी की तैयारी ! वाडी जाने के लिए घर से लोब्बी में गया ! जो समाचार मिला वह विस्मित करने वाला था ! मंडल यांत्रिक इंजिनियर (पावर ) को रंगे हाथो विजिलेंस वालो ने पकड़ लिया था ! सुन कर बहुत दुःख हुआ क्यों की उनसे हमेशा मिलते रहा हूँ ! वह साहब ऐसा भी कर सकते है , वह मैंने कभी नहीं सोंचा था ! हाँ एक बार मैंने उन्हें सजग भी किया था की ऐसी गतिबिधियो से सतर्क रहे ! क्यों की जिनकी दाल नहीं गलेगी वे तरह - तरह के हथकंडे अपना कर बदनाम करने की कोशिश करेंगे ! मेरे विचार में यहाँ भी यही हुआ लगता है !
आज उनके घर की राम नवमी मद्धिम हो गयी है ! नियति के खेल निराले ! परिवार वालो पर क्या गुजरेगी ? पत्नी के दिल पर क्या गुजरती होगी ? सपने अपने होंगे या अधूरे ? और भी बहुत कुछ ..मै महसूस कर सिहर उठता हूँ ! तकदीर से ज्यादा और समय से पहले कोई भी बलवान या धनवान नहीं बन सकता ! फिर भाग -दौड़ क्यों ? सत्यमेव जयते !
१) कुत्ते मरते हैं कहाँ, करते नोच-खसोट |
ReplyDeleteआत्म-हत्या वो कर गया, खाई होगी चोट ||
२) ईश्वर दे शक्ति उन्हें, मिटे समस्या क्रूर |
सही सलामत जाय घर, नहीं मृत्यु थी दूर ||
३) कभी कभी निर्दोष भी, फंसते होंय शिकार |
लेकिन गलती है अगर, फिर तो है धिक्कार | |
गुप्ताजी आप के कवितामयी टिपण्णी देख - मन खुश हो गया ! वह क्या तालमेल है !आभार
DeleteThank you for visiting my blog. I had a nice visit with my mom. I'm sorry I cannot comment on what you've written because the good translator does not do a good job of translation. What I read makes no sense because the translation is poor. so sorry about that.
ReplyDeleteThanks madam , i'LL try to improve this translator .wish you a healthy life.
Deleteसच है सब उसकी इच्छा से ही होता है.....
ReplyDeleteबिलकुल सही मोनिकाजी !
Deleteतकदीर में क्या है कोई नहीं जानता लेकिन भ्रष्टाचारियों ने समूह बना कर सप्रयास देश को खूब लूटा है यह तो तथ्य है. यदि उन्हें सब तकदीर से मिला होता और ऐसी तकदीर को मान्यता मिली होती तो कानून-व्यवस्था की क्या आवश्यकता थी. मेरा ऐसा मानना है.
ReplyDeleteपैदा होना या मरना समस्या नहीं है. समस्या है जन्म और मृत्यु के बीच का समय जो भाग-दौड़ माँगता है. जीवन कार्य माँगता है.
सर जी बिलकुल सार्थक अभिव्यक्ति ! तकदीर में न होने की वजह ही परेशानी ( नियम - कानून ) खड़ी करती है !
Deleteयदि सब कुछ भगवान या परमात्मा की इच्छा से होता है तो अपराध भी उसी की इच्छा से हुआ फिर क्यों हाय-तौबा। अन्ना/रामदेव भ्रष्ट व्यवस्था के संरक्षण हेतु जनता को उल्टे उस्तरे से मूढ़ रहे हैं। मानव द्वारा मानव के शोषण को समाप्त कराने हेतु प्रयास करेंगे तो पाएंगे अन्ना/रामदेव तो शोषकों-उतपीडकों के सहायक हैं।
ReplyDeleteकुत्ते का मरना स्वाभाविक मृत्यु की श्रेणी में आना चाहिये।
ReplyDeleteव्यक्ति का शायद आत्महत्या से पूर्व विवेक जागृत हो गया।
कहते हैं कण कण में ईश्वर है, यह तो सिद्ध नहीं हुआ, किन्तु
यह सिद्ध है, सर्वत्र भ्रष्टाचार है। जो पकड़ गया वो चोर, जो नहीं
पकड़ा वो साहूकार।
सर जी १०० प्रतिसत सही मनाता हूँ! कड़ - कड़ में भगवान के अंश है ! वही सबको नचाता है ! इसके लिए मेरे निम्न पोस्ट पर जाया जा सकता है ! -- " जाको रखे साईया मार सके न कोय "!
Deleteतकदीर से ज्यादा और समय से पहले कोई भी बलवान या धनवान नहीं बन सकता
ReplyDeleteसच है सब उसकी इच्छा से ही होता है..
अच्छी पोस्ट,....
MY RECENT POST...काव्यान्जलि ...: मै तेरा घर बसाने आई हूँ...
घटनाओं की गति हमारी समझ से कहीं आगे निकल जाती हैं।
ReplyDeleteसर जी समय नुसार , चतुर चाल हमेशा स्थिर और सुरक्षित होती है !
Deleteचलती चाकी देख कर , दिया कबीरा रोय.....
ReplyDeleteतक़दीर से आगे ...कोई नहीं.
तकदीर से ज्यादा और समय से पहले कोई भी बलवान या धनवान नहीं बन सकता !ye sabke samajh me aa jaye to duniya sawarg ban jaye.
ReplyDeleteनिशाजी बिलकुल सही ! आभार
Deleteआदमी अपने ढंग से चलता है और समय अपने .जीव मात्र के प्रति दया धर्म का भाव मानवीय मूल्य है इसे निभाने वाले को सुख मिलता है संतोष भी .
ReplyDeleteआभार भाई साहब !
Deleteसार्थक पोस्ट, आभार.
ReplyDeleteआभार शुक्ला जी !
Deleteआप को सुगना फाऊंडेशन मेघलासिया,"राजपुरोहित समाज" आज का आगरा और एक्टिवे लाइफ, एक ब्लॉग सबका ब्लॉग परिवार की तरफ से सभी को भगवन महावीर जयंती, भगवन हनुमान जयंती और गुड फ्राइडे के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं ॥
ReplyDeleteआपका
सवाई सिंह{आगरा }
आप को भी सहर्ष अभिनन्दन और बहुत सी शुभकामनाये !
Deleteसमय का पहिया अपनी रफ़्तार में चलता रहता है।
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार मनोज जी
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