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Wednesday, November 3, 2010

क्या कुत्ते भी आत्महत्या करते है ?

      मै आज २१६३ एक्सप्रेस काम करके अभी -अभी आया हूँ.मन में कुछ सुझा तो ब्लॉग लिखने बैठ गया .सोंचता हूँ -आदमी को आदमी नाम किसने पहले-पहले दिया. कुत्ते को कुत्ता क्यों कहा जाता है? बाघ को आखिर बाघ क्यों कहा जाता है ?मुर्गी को मुर्गी ही क्यों ?पौधों को तरह - तरह के नाम क्यों. हिरन को हिरन ही क्यों गधा क्यों नहीं ?  बगैरह -बगैरह.....इससे ऊपर यह की सभी का नामकरण ,सबसे पहले दुनिया में किसने किया ? उसके पीछे उसका मकसद क्यों और कैसा था ?
            मुझे तो नहीं पत्ता.पर एक बिस्वास जरुर है .क्यों की हमारे पूर्वजो ने इस नाम को वहन करके ,यहाँ तक लाये है.जिसे समझना ,न समझना मेरे ऊपर निर्भर करता है.इस तरह देखा जाय तो दुनिया में बहुत सी चीजे मिल जाएँगी जिन्हें हम अपने पुर्बजो के द्वारा लायी समझते है.और दिल से बिस्वास भी करते है.अगर नाम करन के पीछे कोई धारणा हो और किसी को कुछ मालूम हो तो मुझे भी बताने की कृपा करें. 
                  मै बिषय से दूर चला जा रहा था ,अब आये कुत्ते की बात करे.किसी को कुत्ता कहने से लोग क्या समझते है. फिर भी कुत्ते को लोग बड़े प्यार से पालते है.कुत्ता पालतू होते है.फिर भी इनके नाम को कुत्ता ,रखने के पीछे क्या मनसा रही होगी.?  आज हुआ यूँ की मेरे ट्रेन के निचे एक कुत्ता मर गया .कुत्ते का ट्रेन के निचे आना कोई नयी बात नहीं है.प्रायः ऐसा होता रहता है ,किन्तु आज जो हुआ ,वह बिलकुल अलग सा था.क्यों की वह कुत्ता लगातार सिटी बजने के बावजूद भी ,दोनों ट्रैक के बिच में खड़े हो कर  ट्रेन को देखता रहा और टस से मस नहीं हुआ.जब की ऐसा कभी नहीं होता है.कुत्ते का स्वभाव है की जरा सी आवाज हुई की भगा.अंत में मै यही सोंचता हूँ की क्या कुत्ते भी मनुष्य जैसा आत्महत्या करते है ?अगर हाँ तो क्यों ?