Monday, May 16, 2011

साई मंगलम ......साई नाम मंगलम.......

                                                                                                                                                                               
     दुनिया में समय - समय पर महापुरुषों का आगमन होता रहा है ! महापुरुषों को समझ पाना......
किसी साधारण ब्यक्ति के वश में नहीं ! जब तक ..हमने उन्हें समझा , तब तक काफी देर हो चुकी होती है ! महापुरुषों ने अपने अद्भुत कार्यप्रणाली के द्वारा ..हमें हमेशा आश्चर्य चकित करते रहे है ! उनके पग - पग पर मानवता के सद्गुणों की महक हवा के झोंको के साथ ..इस पृथ्वी पर बिखरती रही है ! जिन्होंने चाहा , उन्होंने उसे लूट लिया ! सफल हो गए ! बहारे आती है , मनुष्य के जीवन में हरियाली फैलती है , जीवन सोना हो जाता है ..जब हम अपने काम ,क्रोध लोभ ,और स्वार्थ को भूल जाते है ! जीवन के हर पल हमें कुछ करने के लिए उकसाते है ! परमार्थ हित में किये गए हर कार्य ....की प्रसंशा होती है ! यही जीवन दायनी और मन को शान्ति प्रदान कराती है ! 
                
                       शासन में मनुष्य को कुछ शक्ति मिलती है , उस शक्ति का इस्तेमाल परोपकार में होनी चाहिए या अपने जीवन में इसे ढाल बनाना चाहिए ! जिसकी सोंच जैसी होगी वैसी ही ....फल उत्पन्न  होगे ! आम लगाओ   आम खाओ ! इमली लगी ...इमली  मिली, फिर इसमे किसका दोष ! इसीलिए कहते है , जैसी करनी वैसी भरनी ! जिनके दिल में  आस्था और समर्पण की भावना होती है ...उनके समक्ष प्रभु को आते देर नहीं लगती ! प्रभु तो प्रेम के भूखे है ! प्रेम तो प्रेम है , जो पत्थर को भी मोम बना देता है !

                       मेरे साई के बारे में कुछ भी न कहे ! वो तो सर्व ब्याप्त है ! दिल से प्यार करने पर , वे तुरंत भाग कर ..अपने भक्त के पास आते है ! स्वप्न में आना , असमय किसी न किसी रूप में मदद करना , चिंता के समय बुद्धि  या राह बताना , तो उनके आने के आभास है ! अपने जीवन काल में उन्होंने बहुत से अद्भुत कार्य किये , जो किसी भी इंसान को भगवान बनाने के लिए काफी है ! वे कहा करते थे --" मै रहू या न रहू ..पर याद करते ही भाग   दौड़ा आउंगा ! यह कार्य मै हजारो वर्षो तक करता रहूंगा !" 
                            
                          जी हाँ आप मानो या न मानो ....पर यह बिलकुल  सच है ! मै पहले यह सभी बातें ,सुना करता था ! अतः एक दिन योजना बना ली और शिर्डी  के लिए सपरिवार रवाना हो गया ! दिनांक ११ से १५ जनवरी २००५ ...का समय शिर्डी में बीता ! मुझे दान - दक्षिणा देने की बहुत लालसा रहती है ! शक्ति के मुताबिक़ दे ही देता हूँ ! तारीख १३-०१-२००५ ...सुबह का समय ...साई मंदिर में साई बाबा का दर्शन कर  बाहर सड़क पर टहल रहे थे ! सोंचा  कुछ साई ट्रस्ट में दान देनी चाहिए ! आज शिर्डी में आये तीसरा दिन था ! काफी पैसे खर्च हो गए थे ! मेरे पास बस ५ हजार रुपये बचे थे ! इस पैसे को दान दे कर .....जोखिम नहीं उठाना चाहता था ! अतः ये.टी.एम्  की खोज में निकल गया ! शिर्डी में ये.टी.एम् बहुत कम थे ! दुसरे ये.टी.एम्.से पैसे निकालने पर सर्विस चार्ज देने पड़ते थे ! मेरे पास SBI  के ATM कार्ड था ! मैंने बहुत लोगो से SBI  का ATM   कहा है ? पूछा !गली -गली फिरा ,पर कही पता नहीं चला !

                             मै पुरे परिवार के साथ , वि .आई.पि गेट के पास खडा था और पत्नी से कहा - " कल हमें औरंगाबाद जाना है , वहा पर ATM होगा ! वही से पैसा ड्रा कर ले आयेंगे और ट्रस्ट में दे देंगे ! " यह बात आई और गयी ! दोपहर का खाना खाने के पास , हम अपने होटल  के  कमरे में जाकर सो गए ! थके होने की वजह से नींद जल्दी आ गयी ! मैंने करीब साढ़े तीन बजे के करीब ....एक स्वप्न देखी ! एक भिखारी बच्चा मेरी अंगुली पकड़ कर ...खींच रहा था और मै उस वि.आई.पि.गेट पर ही खडा था ! बच्चा कह रहा था -वो देखो ..उधर है ..( भक्ति निवास की तरफ इशारा करते हुए ) यानी वह मुझे SBI का ATM   के बारे में बता रहा था ! अचानक मेरी आँखे खुल गयी और मै उठ बैठा ! देखा....... दोनों बेटे और पत्नी साहिबा आपस में बाते कर रहे थे ! शाम के चार बजने वाले थे ! मैंने स्वप्न वाली बात ..पत्नी जी को बता दी ! किसी ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया ! न ही कोई महत्व समझा ! सायं काल ..... फिर शिर्डी दर्शन के लिए निकले ! अचानक घुमाते हुए ..उसी रास्ते पर हो लिया  , जिधर उस भिखारी बच्चे ने ...ATM   के बारे में  स्वप्न में  ...बतायी थी ! 
                                 
                             मेरे हर्ष का पारावार न रहा ! देखा ...सड़क के बाए तरफ ..SBI  का ATM ..एक lodge के  प्रांगण में  था ! मैंने तुरंत पैसे निकाले और ट्रस्ट में जमा करा दिए ! ये है मेरे साई के चमत्कार ! है न .....! आज वही ATM /SBI ..मंदिर के प्रांगण में सिफ्ट हो गया है !  इसके बाद बहुत से चमत्कार देखने को मिले ! जी हां आप लोगो ने ..साई बाबा के बहुत से चमत्कारों की कहानियाँ ..रामानंद सागर के सीरियल - साई बाबा ..में भी देंखे होंगे ! मेरे साई ने मुझे प्रत्यक्ष मदद दी !
                                 
                                 
            इसी लिए कहते है -- साई मंगलम..साई नाम मंगलम ...

20 comments:

  1. साईं कृपा हमेशा ही बनी रहें,यही प्रार्थना है.

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  2. वाह ... जाकी रही भावना जैसी .... आपकी भावना अच्छी थी ... साई ने आपको राह दिखा दी .... बहुर अच्छा लगा आपका प्रसंग पढ़ कर ...

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  3. साईं बाबा का कहना था ...'सबका मालिक एक '
    .....................................'श्रद्धा और सबूरी '
    अगर हमारी श्रद्धा अडिग है तो वह उसी तरह फलीभूत होगी जैसी आपको हुई ..
    साईं नाथ को कोटि-कोटि नमन ..

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  4. बहुर अच्छा लगा आपका प्रसंग पढ़ कर ...

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  5. साईं की कृपा हमेशा ही बनी रहती है ऐसे किससे बहुत है साईं के कृपा दान मै इसलिए तो साईं की महिमा अपरम्पार है साव साहेब ..

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  6. ऐसे प्रसंग आस्था को और दृढ करते हैं ..... सुंदर पोस्ट बाबा को नमन

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  7. श्रद्धा व सबबूरी के साथ मेरे बाबा को नमन..

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  8. आप पर कृपा सदा बनी रहे।

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  9. कुछ इसी तरह के अद्भुत्‌ अनुभव मुझे भी हुए हैं। बाबा के चरणों में शत-शत नमन।

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  10. मुझे कुछ नही कहना, बस आप को नमस्ते कह देता हुं:)

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  11. गोरख जी , साईं बाबा पर आपका सुंदर सन्देश पढ़ा !
    बधाई! दृढ "श्रद्धा" हो तो "वह" सारे काम बना देते हैं

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  12. श्रद्धा और विश्वास ही फलता है। नमन है संत चरणों में।

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  13. हमारा ईष्ट हमेसा हमारे अंग संग रहता है पर हमारी आँखें उसे पहचान नहीं पाती हैं| साईं बाबा को नमन|

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  14. बाबा को नमन....

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  15. तर्क और सत्य को महत्त्व देना चाहिए तथा चमत्कार आदि के फेर में नहीं पढ़ना चाहिए और न ही सबको सब चीज का दान करना चाहिए.'क्रान्तिस्वर'पर दान देने से हुयी हानियों का उल्लेख कई लेखों में है.जिस व्यक्ति का जो गृह उच्च का हो या स्व-राशिस्थ हो उसे उस गृह से सम्बंधित वस्तुओं का दान करने पर निश्चित हानियाँ उठानी पड़ती हैं. मेरेपास ऐसे बहुत से केस आ चुके हैं.

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  16. भाई पहली दफे आपके ब्लाग पर हाजिर हुआ हूं यह मेरा सौभाग्य ही है। प्रेरक प्रसंग । सज्जन पुरुषों पर ईश्वर कृपा करता है यह आपने स्वयं महसूस किया ं। आपको तो पता ही है उन्हौने कहा भी है सम्भवामि युगे युगे।
    एसे प्रसंगों से श्रध्दा बढती है।धन्यवाद

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  17. aadarniy sir
    aaj subah ke char baj rahen hain
    aur any karyon se nivrit hokar socha ki is samay thodi tabiyat theek lag rahi hai so do char comments hi dal dun jbki ungliyan jyda kaam nahi kar paa rahi hain .
    par shayd ye sai baba ki hi prerana thi jo computer par baith gai .bas aabhi- abhi sai baba ko haath jod kar hi aai hun aur dekhiye na sabse pahle aapka hi blog khola aur sai babab ke darshan tatha unki dayaluta ke baare me aapka anubhv bhi padhne ko mil gaya
    baba to sarvgy hain hi main bhi sai baba ko bahut manti hun
    jab koi hal nahi niklta hai kisi samsya ka to baba ke upar hi chhod kar nishchint ho jaati hun.kyon ki janti hun ki vo jo bhi karenge hammari behatri ke liye hi karenge .bas sachchi aastha v vishwas ki jarurat hai .meri to jubaan par sote jagte ,uthte baithte baba ka hi naam rahta hain .
    aise hi ek din lete lete baba ki tasveer par najar padi aur dekhte hi dekhte sai baba ke naam se puri aarti ban gai .yah mere vash ki baat nahi thi par baba swyam jubaan par aakar shabd dete gaye aur main unhe man hi man duhraane lagi fir blog par post kiya
    aaj sai baba ke upar apne hi dwara likhi aarti gaati hun to badi khush milti hai
    aapko jab kabhi samay mile to meri pichli posto par jaaiyega to aapko vo padhne ko mil jaayegi .
    sach! man ptasann ho gaya ho sakta hai ki aaj koi bahut badi khushi mil jaaye
    OM SAI NAMO NAMAH
    BAHUT BAHUT SUNDAR V BHATI ME AASTHA BADHANE WALI PRASTUTI BAHUT HI ACHHI LAGI .
    hardik badhai v naman
    poonam

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  18. टिप्पणी देकर प्रोत्साहित करने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया!
    बहुत बढ़िया लगा आपका पोस्ट पढ़कर! सुन्दर प्रस्तुती! साईं बाबा को मेरा नमन!

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  19. साई का चमत्कार ऐसा ही होता है,

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