Sunday, April 8, 2012

आज के विचार


                                                                 ट्रेन  से  ली  गयी  एक  पुराने  रेलवे  ब्रिज  के  खम्भे  की  तस्वीर 

 अहंकार  मानव  जाति  को  अँधा  बना  देता  है  ! अतः  मानव  पथ  भ्रष्ट  होकर  ऐसे  कार्यो  में  लीन  हो  जाता  है  कि  उसे  उचित  या  अनुचित  का  ध्यान  ही  नहीं  रहता  !  अंत  में  यह  उसके  जीवन  में  पराजय  का  एक  पहलू  बन  जाता  है  ! रावण  , कंस  या  दुर्योधन  इसके  उदहारण  के  लिए  काफी  है  !

 वहीँ  परमार्थ  के  लिए  उत्पन्न  अहंकार   मानव  को  श्रेठ  और  ईश्वर  बना  देता  है !

7 comments:

  1. सत्य बचन....
    उत्कृष्ट प्रस्तुति

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  2. उत्तम विचार |

    अहंकार ही पतन का, कारण दिखता मूल |
    रावण दुर्योधन सरिस, आखिर फांके धूल ||

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  3. का माँगू कछु थिर न रहाई

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  4. सच्चे सार्थक विचार....

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