कल यानि दिंनाक - १० वी सितम्बर २०११ को सोलापुर में था ! " टाईम आफ इण्डिया " में एक आर्टिकिल पढ़ा ! देखा की बिहार सरकार ने एक आई .ये.एस अफसर के द्वारा अर्जित और धोखे धडी से कमाई हुई -सारी सम्पति को कोर्ट की इजाजत के बाद सील कर दिया ! इतना ही नहीं - अब उस तीन मंजिले हाई - फाई ईमारत में स्कुल चलने लगा है क्योकि बिहार सरकार ने उस सम्पति को स्कुल के हवाले कर दिया है ! यह कदम नीतीश कुमार जी ने पहले ही उठाने के लिए कह दिया था !नितीश कुमार जी का यह कदम भारतीय राजनीति में सराहनीय कार्य है ! जो उनके दूरदर्शिता के परिचायक और स्वस्थ शासन का एक मिशाल है ! पूरी रिपोर्ट अंग्रेजी में पढ़े ! नीचे उपलब्ध है ! बड़ा करने के लिए तस्वीर पर क्लिक करें -
( एक छोटा सा निवेदन - कृपया दिए हुए लिंक पर जाएँ और मेरे ८३ वर्ष के काकाजी को फोल्लोवेर बन कर उत्साहित करें ! धार्मिक विचार वाले है और अपने अनुभव लिखने में माहिर ! एक बार प्रयास करके देंखें -धन्यवाद -लिंक--hanuman
( एक छोटा सा निवेदन - कृपया दिए हुए लिंक पर जाएँ और मेरे ८३ वर्ष के काकाजी को फोल्लोवेर बन कर उत्साहित करें ! धार्मिक विचार वाले है और अपने अनुभव लिखने में माहिर ! एक बार प्रयास करके देंखें -धन्यवाद -लिंक--hanuman
कृपया दिए हुए लिंक पर जाएँ और मेरे ८३ वर्ष के काकाजी को फोल्लोवेर बन कर उत्साहित करें!
ReplyDeleteok ji
सच में ....यह एक सराहनीय कदम है नीतीशजी का
ReplyDeleteसच ||
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति ||
बधाई ||
यह एक सराहनीय कदम है नीतीशजी का|धन्यवाद|
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति.
ReplyDeleteनितीश जी का कार्य सराहनीय है.
आपके काका जी का फालोअर बन गया हूँ.
सुन्दर लिंक देने के लिए बहुत बहुत आभार.
डर है इस नई प्रथा का भी दुरुपयोग राजनैतिक या व्यक्तिगत शत्रुता निकालने के लिये न किया जाये, हमारे कर्णधार इन चीजों में पारंगत हैं।
ReplyDeleteसार्थक अनुकरणीय कदम नीतीश जी का .यदि ऐसा हो जाए तो मास्साब स्कूल के भाग भी जागें .अभागों को स्कूल की छत मिले .
ReplyDeleteइससे बच्चों के साथ बड़ों को भी सीख मिलेगी।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर लिखा है आपने ! गहरे भाव के साथ ज़बरदस्त प्रस्तुती!
ReplyDeleteमेरे चिट्ठे पर आने के लिए धन्यवाद! यह कदम नीतीश ने उठाया है, लग तो सही रहा है। पर कौन जानता है कि क्यों इसी अधिकारी पर अंगुली उठी, शायद लालू के समय में बेचारे ने नाम कमा लिया हो, पैसा भी। कुछ खिट-पिट हो गयी होगी। वरना 2005 से 2011, लम्बा समय है! आदत से मजबूर होने के कारण नीतीश का लोगों के सामने अपने हीरो को साबित करना नहीं भाता।
ReplyDeleteवाह - सराहनीय | .... कदम किसीने भी उठाया हो, सराहनीय है | इस खबर को एक फ्लेश के रूप में टीवी पर देखा था, यहाँ डीटेल में पता चला | आपका धन्यवाद |
ReplyDeleteपरमप्रिय गोरखजी , नितीशजी का कार्य सराहनीय तो है ही वह सर्वथा अनुकरणीय भी है!धन्यवाद आभार!
ReplyDeleteहाँ ,प्यारे प्रभु से मिली प्रेरणा से ,आप जो अपने काकाजी के "महाबीरजी" का प्रचार कर रहे हैं इस पुन्य कर्म का सुफल तो महाबीरजी ही आपको देंगे ! मैं तो केवल आशीर्वाद एवं शुभ कामनाएं ही दे सकता हूँ !गोरखजी आस्था का प्रसार भी भगवत उपासना ही है !--- आपका काका (भोला-कृष्णा)
अच्छी पहल है।
ReplyDeleteSarahniy Pahal hai.....Dr. Monika Sharma
ReplyDeleteहर सरकार को अनुसरण करना चाहिए ...
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