Friday, December 31, 2010

नव -वरस मंगल मय...हो......


             नव -वरस मंगल मय...हो.......

         (  मै अपने इस ब्लॉग की महता को नाम के प्रतिकूल  नहीं चाहता . जीवन की सार्थक और  असीम गरिमा अवश्य जिन्दा  रहेगी.आज सोंचा शीर्षक ही लिख दूँ.कहानी जरूरत नहीं ,सो बैठ गया.कम लिखना ,ज्यादा समझना जैसे शब्द दो-तीन दशक पहले लोग चिट्ठी-पत्तियों में प्रायः लिखा करते थे और मैं भी इस  शब्द का इस्तेमाल किया करता था.दक्षिण में आने के पूर्व,मेरे हिंदी बहुत अच्छे थे.अभी  मिलावटी हो गया है.अब हिंदी ब्लॉग को जैसे-जैसे पढ़  रहा हूँ....,हिंदी फिर सुधर रही है.सच्ची बातो को सुनना और लेख में शामिल करना ,मेरी शत प्रतिशत इच्छा रही है). आए अब .....................             ...............जीवन.............................................................
          जड़.....................................................................
         बिकास.................................................................
             जन्म................................................................
          बचपन.................................................................
            शिक्षा................................................................
             जवानी...........शादी........दुनियादारी.....................
          अनुशासन/दुशासन................................................
          अभिलासा............................................................
              ब्याभिचार........................................................
           आशा/निराशा......................................................
          सरकारी/बेसरकारी................................................
          लूट/परोपकार.......................................................
           ढलान................................................................
         रेल/जेल...............................................................
        बुढ़ापा..................................................................
           कोना.....................और.....................................
        हसना /रोना..........................................................
          करम./धरम.........................................................
         मृत्यु ...............और................वह भी.....................
       अकेला...............जिसके   लिए  जिया,,,,,....................
    कोई  साथ   न  आया..................................................
     पीछे के कल ............................................................
         याद  है ...............................................................
     आने  वाला  कल....... किसने  देखा  है.?........................
        अनुशासन   अपना कर ...........................................
     इस  कल  .....नव  बरस     को   .....................................
      सफल   और   सुदृढ़   बनाना   है..................................
   नव-वरस मंगलमय  हो.................................................
      

No comments:

Post a Comment