गवर्नमेंट या सरकार ....आखिर कौन है ? क्या सत्ता के लोलुप या वोटर ? हर व्यक्ति सरकारी सुबिधा / लाभ लेने के लिए इच्छुक रहते है ! क्या इच्छा ही काफी है या हमारे भी कुछ उत्तरदायित्व बनते है !हमारे देश में लोकतंत्रीय शासन विराजमान है ! जो विश्व में अपने तरह का एक नमूना और विश्व के लिए अनुकरणीय बन गया है ! विश्व के सभी देश इस ओर अग्रसर होने के लिए बेसब्री से कतार में खड़े मिल जायेंगे ! मुश्लिम देश भी इससे अछूता नहीं है ! आखिर इसके राज क्या है ?
लोकतंत्र हमें हर चीज की आजादी देता है और वह आजादी ...किसी दुसरे की आजादी को ठेस.... पहुचाने के लिए छुट नहीं देती ! देश के सभी ...धन - संपदा के हिस्सेदार होते है ! सभी को हर क्षेत्र में बराबर की हिस्सेदारी होती है ! चाहे किसी धर्म या जाति या लिंग का क्यों न हो ! जब हमें इस तरह की आजादी मिलती है ,तो हमारे उत्तरदायित्व ...अपने देश और इसकी धन - संपदा के प्रति और बढ़ जाते है ! हर सरकारी संपदा की हिफाजत करना ...हर नागरिक का परम कर्तव्य है !
गलत लोगो को सार्वजनिक करना भी हमारे उत्तरदायित्व के अन्दर आ जाते है ! देखा जाए तो यही हम असफल हो जाते है ! आखिर क्यों ? गलत लोग हमारे आस - पास ही पनपते और बढ़ते है !पनपने के पहले ही उनके जड़ को समूल नष्ट करने चाहिए , कानूनी दायरे में ! अगर ऐसा होता तो हम इन आतंकवाद , भ्रष्टाचार , अलगाववाद और नक्सलवाद के रोग से विल्कुल मुक्त होते थे ! नासूर को बढ़ने देने से .. यह ..एक दिन बड़ा कैंसर बन जाएगा ! इस तरह के रोगों का इलाज कठिन और महँगा भी होगा ! आज हम इससे रोज जूझ रहे है !
तारीख ---२५-०५-२०११ , मै दादर - चेनई ( १२१६३ ) सुपर फास्ट को लेकर रेनिगुन्ता तक जा रहा था ! समय से दस मिनट लेट ...ट्रेन गुंतकल से ...रवाना हुई ! रायालाचेरुवु तक दोहरी लाईन है ! ट्रेन दोहरी लाईन में ११० किलोमीटर / घंटा के हिसाब से दौड़ रही थी ! नक्कनादोदी स्टेशन आने वाला था ! बगल के लाईन से एक पैसेंजर ट्रेन ( हिन्दुपुर - गुंतकल ) दौड़ रही थी ! अचानक उस ट्रेन के लोको पायलट ने हमें वाल्की - ताल्की पर पुकारा ! मेरा सहायक.... तुरंत ..उसका जबाब दिया !
" "ट्रेन के बीच में किसी कोच के अन्दर से धुँआ निकल रहा है ! "- पैसेंजर लोको पायलट ने खबर दिया ! मैंने पूरी वार्तालाप सुन लिया था ! अतः तुरंत ट्रेन को नक्कन डोंडी स्टेशन में खडा किया और सहायक लोको पायलट को जाकर चेक करने को कहा ! गार्ड और सहायक ....दोनों ने मिलकर ट्रेन की मुआयना किये ! समस्या बी -१ वातानुकूलित कोच में था ! वातानुकूलित जेनेरेटर से धुँआ आ रहा था ! उसे वातानुकूलित tech .... ने ठीक कर दिया ! ट्रेन फिर अपने गति से चल दी !
इसी दिन फिर ..जब ट्रेन नन्दलुर स्टेशन को रोड -१ से १५ किलोमीटर / घंटा की गति से पास हो रही थी , तभी किसी ने आपातकालीन जंजीर खिंच दी ! ब्रेक पाईप प्रेसर गिरने लगा और ट्रेन चिचियाकर रुक गयी ! इसकी सूचना स्टेशन मैनेजर और गार्ड को दे दी गयी ! समस्या के समाधान के लिए , फिर मैंने सहायक को जाकर देखने को कहा ! वह गया ! पीछे से गार्ड साहब भी चेकिंग में जुटे ! ट्रेन का प्रेसर आ गया ! मैंने सिटी बजाई और गार्ड साहब पीछे तथा मेरा सहायक लोको में आ गया ! सहायक ने जो सूचना दी वह इस प्रकार है ---
कोच संख्या -बी.१ में एक युवक शौचालय में गया था और उसका पर्स ..जिसमे दस हजार रुपये ,एतियम कार्ड , क्रेडिट कार्ड वगैरह था , शौचालय के बीच छिद्र से ...नीचे गीर गया था ! अतः उसी ने चैन खींचा था ! पर्स नहीं मिला है और इसकी सूचना गार्ड ने स्टेशन मैनेजर को दे दी है ! वह व्यक्ति गार्ड ब्रेक में है , अगले स्टेशन में शिकायत करेगा !
देखा आपने ...एक ही दिन मैंने दो तरह के लोग से मुखातिब हुआ ! एक पैसेंजर लोको पायलट ...जिसने अपनी सतर्कता से सुपर फास्ट ट्रेन में ....आग जैसी किसी अनहोनी से .....रेलवे की सम्पति और ट्रेन में सफर करने वाले.. लोगो की सुरक्षा की ! दूसरी तरफ ... एक लापरवाह व्यक्ति ने अपना बहुत कुछ खो दिया ! उसकी ज़रा सी सावधानी उसके पर्स को ...चलती ट्रेन से गिरने से बचा सकती थी !
हम लोको पायलट ...आप की सुरक्षा और संरक्षा की जिम्मेदारी लेकर .. दिन हो या रात ...सदैव चलते रहते है ! रात को आप अपने बर्थ पर बिना किसी चिंता के सो जाते है और हम आप की मंजिल को ....आप के कदमो के करीब.... ला खडा करते है ! क्या आप हमें कुछ मदद करेंगे ?
१. अपने सामान को विशेष ध्यान देकर रखे !
२.अंजान व्यक्तियों से कुछ खान - पान न करे !
३. किसी तरह की असुविधा होने पर टी.टी. या पुलिस स्टाफ को सूचित करें !
४. आप जिस कोच में सफर कर रहे हो ,उसमे किसी तरह की ...अनावश्यक ध्वनी या धुँआ या आवाज आ रही हो तो निकट के स्टेशन मैनेजर या गार्ड या लोको पायलट को तुरंत सूचित करें!
५.ज्यादा खतरा महसूस होने की हालत में ...आपातकालीन जंजीर खींचना न भूलें !हम
आपके जंजीर खींचने की परख कर ...गाडी तुरंत खड़ी कर ....समस्या का निदान करने की सफल प्रयास करते है !
६.सुरक्षा के मद्दे - नजर ..ट्रेन में झगड़ा - झंझट न करें ! एक दुसरे से शान्ति बनाए रखें!
७. छोटे - छोटे बच्चो को कोच से बाहर न जाने दे ! उससे आप और हम रेलवे... समयपालन
करने में चुक जायेंगे ! समय की हानि होगी !
८ ज्वलन शील पदार्थ यात्रा के समय लेकर न चले ! इससे आप और रेलवे ,,दोनों को
परेशानी .... की सामना करना पडेगा !
९. कीमती गहने ..पहन यात्रा न करें !
१०. ट्रेन से यात्रा करते समय ...न हाथ खिड़की से बाहर निकाले , न दरवाजे पर झूले या न दरवाजे पर वैठे ! यह ट्रेन के दौड़ते समय ..घातक सिद्ध हुयी है ! बहुतो ने अपनी जान गवा दी !
११.) आप हमारी मदद करें, हम .. आप की सेवा में सदैव नतमस्तक है !
करेंगे न .?
( कमेन्ट हिंदी में .. लिखने के लिए ..इस ब्लॉग के निचे सुविधा उपलब्ध है , वहा जाए और अपनी बात इंगलिश में लिखे , वह हिंदी या अन्य भाषा में परिवर्तित हो जायेगी !फिर कॉपी कर ...पोस्ट के कमेन्ट खाने में पेस्ट कर दें ! दूर जाने की झंझट गायब )
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आपकी सलेहें अमूल्य हैं और इनका पालन सभी को करना चाहिए.
ReplyDeleteबड़ी ही उपयोगी सलाह, बहुत ही आभार इसके प्रसार के लिये।
ReplyDeleteउपयोगी पोस्ट के लिए आभार...... सारी बातें विचारणीय और अनुकरणीय हैं
ReplyDeleteआपकी सलेहें अमूल्य हैं और इनका पालन सभी को करना चाहिए
ReplyDeleteनेक सलाह के लिये आभार। यदि आप से प्रेरणा लेकर अन्य लोग भी इसी तरह अपनी ड्यूटी से थोडा सा आगे जाकर जागृत करते रहें तो जीवन बहुत आसान और सुन्दर हो जाये।
ReplyDeleteभाई साहब !हिन्दुस्तान में ऐसे महकमें (काम )अब ढूंढें नहीं मिलते जहां आप जैसे कर्मठ और समाज सापेक्ष ,समाज के लिए चिंतित लोग मौजूद हों .क्या पोस्ट ऑफिस का महकमा भी ऐसा ही नहीं है .स्टाफ कम काम ज्यादा .लेकिन आपको तो इस कीमत अपनी जैव घडी से भी चुकानी पडती है .आभार आपका ,आप की चिंता वाजिब है ,अनुदेश माह सबके लिए ही अनुकरणीय हैं .
ReplyDeleteबिल्कुल सही कहा आपने, आपकी हर एक सलाह भी मानने लायक है,
ReplyDeleteआपके जीवंत अनुभवों का लाभ दरअसल सभी को लेना चाहिए और इन सब बातों अक कड़ाई से पालन करना चाहिए .... मैं तो करूँगा ...
ReplyDeleteआपकी सलाह बहुत ही जीवनोपयोगी और अनमोल है , हम इसका पालन जरूर करेंगे और अपने परिचितों को भी बताएँगे |
ReplyDeleteVery useful post. A beautiful appeal indeed. Worth paying heed !
ReplyDeleteआप सभी का बहुत - बहुत धन्यबाद ! अच्छी बातो का दिलो - जान से अंगीकार होनी चाहिए ! छोटी - छोटी बाते ही हमें सुरक्षित और उन्नति के पथ पर ले जाने में साधक सिद्द होती है !
ReplyDeleteअच्छी जानकारी उप्लब्ध काराने का बहुत बहुत धन्यवाद
ReplyDeleteबहुत बढिया सलाह,धन्यवाद,
ReplyDeleteविवेक जैन vivj2000.blogspot.com
बिल्कुल सही कहा आपने| आपकी हर एक सलाह मानने लायक है| धन्यवाद|
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteaap ki batein nitant aavashyak roop se anukarneeya hai.
ReplyDeleteaadarniy sir
ReplyDeletebahut hi prerak avam prabhavpurn
post .
waqai jo kuchh aapne likha vaankhon dekha haal bayan kiya hai vah shat -pratishat sahi hai .
vastav me ham sabhi nagriko ko bhi iske liye aage aana hoga .tabhi to desh pfir se sone ki chidiya kahlaayega .iske liye jyada to nahi kamse kam ham agar apnihi jimmedari theek dgang se niba=ha paaye to bhi kuchh had tak sarkar ki madad kar skate hain..
jaisa ki aapne do ghatnaao ka bayaan kiya ye to shukar hai ki aaplogo ki tatpar karwai se tatha dusre ke dwara suchit karne se hi train kisi hadase ka shikar hone se bach gai dusare us yuoak ki laprwahi bhi thi jo uska parsue chalti train se gir pada isse samay to badhit hui aur har jagah chalti supar fast trian ko yun hi rokne me bhi kathinaai aa saktai hai .
aapki tarah hi har insaan sochta to samay jaane kab ka badal chuka hota .
ishwar karen ki aap si karmathata aur mehnat tatha tatparta har kathin kary ko karne ka jajba
har insaan ke andar prerit ho .
aapne railway se sambandhit jo bhi suchnaye di vo sabhi bahut hi anukarniy hain saath hi sath inka palan karne se bahut he aapat kaleen sthitiyon se bhi bach ja sakta hai .
aapki imandari v karmathta ki dul se naman
sadar abhinandan
poonam