जैसा की आज - कल लोग ....भ्रष्टाचार के आन्दोलन और समाचारों से ...अघाए हुए है ! इस परिप्रेक्ष में मनुश्री तरुण सागर जी की कही हुयी ..निम्न सन्देश काफी कुछ कह देता है --
" शैतान साधू हो जाए ..तो पवीत्रतम हो जाता है ! लेकिन यदि साधू , शैतान हो जाए , तो शैतान से भी ज्यादा खतरनाक हो जाता है ! जो पहले ही चोर , बेईमान और भ्रष्ट था , उसे सत्ता की ताकत और कुर्सी की ताकत मिल जाए , तो फिर चोर नहीं रहता ....चोर से चाक़ू बन जाता है !आज ऐसा ही कुछ हुआ है ...अपराधिक पृष्टभूमि वाले भी लोक सभा और विधान सभा की सिधिया चढ़ गए है .! "
तिजारत ( व्यापार ) अगर साफ - सुथरी हो तो इंसान की आदतों में निखार आता है और हर एक के प्रति उसमे नरमाई पैदा होती है !
जी हाँ ..आज - कल हम इसी दौर से गुजर रहे है !
मनुश्री के सुंदर अर्थपूर्ण विचार ....
ReplyDeleteसच केवल सच
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया विचार
ReplyDeleteसाभार- विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
सच कहा आपने देश इसी दौर से गुजर रहा है.हमारी दिश गलत न हो, यही हमारा प्रयास होना चाहिए.
ReplyDeleteआभार, मन की शुचिता आवश्यक है।
ReplyDeleteसही सोच के साथ बढते रहें,हम बनते रहें,देश सुधर जायेगा !
ReplyDeleteसही कहा आपने , चोर को जब सत्ता मिलती है तो वह और भी खतरनाक हो उठता है। तब विकास नहीं विनाश लीला होती है । इसलिए बहुत ज़रूरी है की हम सोच-समझ कर अपना नेता चुनें।
ReplyDeleteसही कह रहे हैं आप। इसीलिए तो संत को ठग कहा जा रहा है।
ReplyDeleteसुंदर अर्थपूर्ण
ReplyDeleteकुछ व्यक्तिगत कारणों से पिछले 15 दिनों से ब्लॉग से दूर था
ReplyDeleteइसी कारण ब्लॉग पर नहीं आ सका !
सही कह रहे हैं आप। धन्यवाद|
ReplyDeleteशब्दों में हिन्दुस्तान कह दिया आपने .ये मेरा इंडिया आई लव माई इंडिया .यहाँ करुणा -निधि कनिमौज़ी पे ककमरुणा करना छोड़े तो बात बनें .यहाँ डॉ कोई अल्प संख्यक वर्ग का आतंकी सन्दर्भ में धर लिया जाए विदेशी धरती पर तो खड़े बिजूके (मन मोहन )की नींद उड़ जाती है .यही है भैया चोरों का राज .भारत की काया पर चर्च द्वारा लगाए पैवंद मम्मीजी का त्याग .राजीनीतिक कुत्ते छोड़े हुएँ हैं जो विरोधी को भौंकते हैं रात के अँधेरे में हल्ला बोलते हैं और मम्मीजी के पैर चाटतें हैं .एक साथ दो दो काम कर लेतें हैं ये राजनीतिक स्वान आगे से भौकतें हैं पीछे से पूंछ हिलातें हैं .पशु कुत्ता एक बार में एक ही काम कर सकता है .भौकता या पूंछ हिलाता है .सैयां भये कोतवाल अब डर काहे का .
ReplyDeleteवह सुबह कभी तो आयेगी।
ReplyDeleteआम जनता जब तक भावावेश में बह कर ,थोथे संतों के बहकावे में आकार वोट देगी गलत प्रतिनिधि चुने जाते रहेंगें.
ReplyDeleteyou said the bitter truth
ReplyDeleteसही बात। आज हम सब देशवासी भ्रष्टाचार से पड़ीत और परभावित है। यदि हम सब अपने मतदान का सही उपयोग करेंगे और सत्ता में ईमानदार व्यक्तियों को ही वोट देंगे तो कुछ काम बनेगा। पूरे सीस्टम को ठीक करना बहुत मुश्किल है परन्तु असम्भव नही।
ReplyDeleteसाधू केवल नाम से साधू नहीं कहलाता.जो सच्चाई से साधनारत है वही साधू है.ऐसे साधू में चोर बनने की गुंजाइश नहीं.
ReplyDeleteवर्ना यदि कोई साधू से चोर बने तो वह कभी भी वास्तव में साधू ही नहीं रहा.