Wednesday, September 7, 2011

बुझ गयी जिंदगी !

  "" दुर्घटना स्थल पर जांच किया और पाया की जीवन समाप्त हो गयी है "    लाल रंग के स्याही से रेलवे डाक्टर ने इस बात की पुष्टि की ! जी हाँ जिस महीने में सारी दुनिया मजदूर दिवस मनाने में मशगुल थी , उसी माह में ऐसी दर्द नाक दुर्घटना होगी - किसी ने स्वप्न में भी नहीं सोचा था ! सहायक लोको पायलट - एन.एस .प्रबोध की तिरुनेलवेली यार्ड में -एक ट्रेन के रेक को पीछे धकेलते समय - यार्ड में ,धक्का लगाने से  रात्रि के दो बज कर पैतालीस मिनट पर, तारीख ३० मई २०११ को - दुर्घटना का शिकार हो गए ओर तुरंत मृत्यु हो गयी  ! जिसकी पुष्टि रेलवे डाक्टर ने लाल स्याही में कर दी थी  ! असावधानी ही जीवन ले ली  !
                                                                      एन.एस.प्रबोध

शायद इसी लिए लोको पायलटो की पत्निया हमेश एक इंतजार की घडी में ही जीती है ! वह इंतजार भी अपने - अपने इष्ट देव की पूजा और अर्चना में व्यतीत हो जाती है , जिससे की उनके पति सकुशल घर वापस लौटे ! एन.एस.प्रबोध को दो बेटे है ! सात वर्ष का सिद्धार्थ और दो वर्ष का सचिन  ! पत्नी मंजू इस युवा अवस्था में ही अपने पति से बिछड़ गयी , जो काफी असहनीय है ! उसके कंधे पर दो बच्चो की परवरिश और सास -ससुर की देख भाल की जिम्मेदारी आ पड़ी है !

   एन.एस.प्रबोध हमारे असोसिएसन का एक अनुशासित  कार्यकर्ता थे ! आप दिनांक - २५-०९-२००० में रेलवे में सहायक लोको पायलट के रूप में ज्वाइन किया था  ! शुरुवाती पोस्टिंग दक्षिण रेलवे  के इरोड डिपो  में हुयी थी ! इन्होने पालघाट , एरनाकुलम और अंत में अपने पैत्रिक नगर कुईलों में कार्य किया ! इनके अनुशासित रवैये से बहुतो को अपने हाथ सेकने में कठिनाई का सामना करना पड़ता था और बहुत कुछ !

        दिनांक ०३-०६-२०११ को कुईलों में आल  इंडिया लोको रंनिंग स्टाफ  एसोसिएसन ने एक शोक -सभा का आयोजन किया और इस एसोसिएसन के तरफ से पांच लाख पच्चीस हजार रुपये  का एक सहायता चेक , उनके धर्मपत्नी को भेंट किया गया !  आल  इण्डिया  लोको रुन्निंग स्टाफ एसोसिएसन गहरा दुःख ब्यक्त करते हुए ,  भगवान से प्रार्थना करता है - की उनके शोक संतप्त परिवार को धैर्य और साहस दे , ताकि वे इस गम को सह  और भुला सके ! पुरे  लोको पायलटो की ओर से  स्वर्गीय एन.एस.प्रबोध को भाव भीनी श्रद्धांजलि ! भारतीय रेलवे के लोको पायलट रोजाना एक नयी जीवन पाते है ! कब क्या हो जाये किसे पता ?

14 comments:

  1. प्रबोध जी के बारे में जानकर बहुत दुःख हुआ। इस पूरे प्रकरण में दिलासा देनेवाली बात आपकी ऐसोसियेशन द्वारा समय पर की गयी सहायता की कार्यवाही है। प्रबोध जी को श्रद्धांजलि और आपका आभार!

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  2. दुखद घटना, सावधानी ही बरतनी चाहिए थी पर...........

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  3. प्रबोध जी को श्रद्धांजलि

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  4. प्रबोध जी के बारे में जानकर बहुत दुःख हुआ। प्रबोध जी को श्रद्धांजलि|

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  5. दुखद घटना ||

    श्रद्धांजलि ||

    वह इंतजार भी अपने - अपने इष्ट देव की पूजा और अर्चना में व्यतीत हो जाती है , जिससे की उनके पति सकुशल घर वापस लौटे ||

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  6. दुखद घटना ||

    श्रद्धांजलि ||

    वह इंतजार भी अपने - अपने इष्ट देव की पूजा और अर्चना में व्यतीत हो जाती है , जिससे की उनके पति सकुशल घर वापस लौटे ||

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  7. दुखद घटना, हार्दिक श्रद्धांजलि।

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  8. ये एक दुखद घटना है ... श्रधांजलि है इन कर्म योगियों को ...

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  9. 'प्रबोध जी' को हार्दिक श्रद्धांजली ,परम -पिता परमात्मा से प्रार्थना है कि उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे एवं उनके परिवारी जनों को धैर्य प्रदान करें।

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  10. बहुत दुखद घटना ......प्रबोधजी को भावभीनी श्रधांजलि ,भगवान उनके परिवार को इस असीम दुःख को सहने की शक्ति दें

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  11. अफसोस. ऐसी घटनाएँ हो जाती हैं उन्हें रोकने के लिए जिस प्रकार की भी जागरूकता की आवश्यकता हो उसे फैलाने के लिए कार्य करते रहना होगा.

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  12. बेहद अफसोसजनक.
    प्रबोध जी को विनम्र श्रद्धांजलि.
    भगवान उनकी पत्नी और परिवार को शक्ति प्रदान करें इस असहनीय दुःख को सहन करने की.

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  13. दुखद है घटना..... नमन ..श्रद्धांजलि

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  14. अनुशासनप्रिय कर्तव्यनिष्ठ प्रबोधजी के निधन पर हमारी श्रद्धांजलि !उनके शोकाकुल परिवार को आपके एसोसि़एशन ने चेक दे कर परिवार के दुःख को आंशिक रूप से कम करने का प्रयास किया ;जो अभिनंदनीय है!
    भोला -कृष्णा

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