जनता ...पब्लिक और क्या न कह लें ! .लोग और उनका समूह ..कब क्या कर दें किसी को नहीं पता ! आज कल विद्यार्थी आन्दोलन का एक हिस्सा बनते जा रहे है ! इन्हें भुनाने में राजनीतिक गड सबसे आगे है ! विद्यार्थी जीवन सिखने का वक्त है ! विद्यार्थी या ऐसा ही कोई जन समूह जब कोई अनैतिक कार्य करे तो आप को कैसा लगेगा ? वह भी किसी निर्दोष के साथ ! उस ई.बाला कृष्णन ने लोगो का क्या किया था ? जो उसे यह सजा मिली ? क्या उस व्यक्ति ने यह नहीं सोंचा की इसकी परिणति क्या होगी ?
आईये एक नजर डालें और आप ही बताएं ? इस तरह के करतूत कब तक होते रहेंगे ?
ई.बाला कृष्णन लोको पायलट / काट पाडी / दक्षिण रेलवे , तारीख ०६-११-२०११ को मदुरै एक्सप्रेस को ले कर तिरुपति जा रहे थे ! रास्ते में चित्तूर स्टेशन के पास किसी ने एक जोर दार पत्थर लोको के उप्पर फेंका ! पत्थर लोको के शीशे को तोड़ती हुयी -ई बाला कृष्णन को जा लगी ! शीशे के तुकडे शारीर पर जा गिरे और कुछ शरीर में भी चुभ गए ! असहनीय पीड़ा से लोको पायलट कराह उठा ! तुरंत ट्रेन रोक दी गयी और सहायक ने ट्रेन को चित्तूर स्टेशन तक ई.बाला कृष्णन की मदद से चला कर लायें !
तुरंत ड्यूटी में तैनात स्टेशन मास्टर को इसकी सूचना दी गयी ! मास्टर प्राथमिक इलाज न कर यह पूछने लगा की आप आगे ट्रेन को लेकर जाओगे या नहीं ? जब की ई . बाला. कृष्णन ने रिलीफ की मांग की थी ! आखिर कार ई. बाला कृष्णन ने ट्रेन को सुरक्षित खड़ा कर गार्ड की देख - रेख में रख , ऑटो से चित्तूर जनरल अस्पताल को चले गएँ ! ट्रेन करीब दो घंटे तक खड़ी रही ! बाद में वेंक ताद्री लोको पायलट को मदुरै एक्सप्रेस को काम करने के लिए कहा गया !
संक्षिप्त में --
१) लोको पायलट - ई. बाला कृष्णन और सहायक.टी.गुनेशेखर / मुख्यालय- काट पाडी !
२)गार्ड- टी.एस.रवि./ विलुपुरम
३) लोको संख्या -१६५८० / जी .ओ.सी.
४) ट्रेन संख्या -१६७८० ( मदुरै-तिरुपति एक्सप्रेस )
५)घटना स्थल - चित्तूर रेलवे स्टेशन के निकट
६) किसी ने पत्थर से लोको पायलट को मारी !
७)ई.बाला.कृष्णन घायल ! अस्पताल जाते समय किसी ने साथ नहीं दिया , न ही मास्टर ने किसी को साथ जाने के लिए भेजा ! सहायक ही अंत तक सहायता किया !
८) इस तरह की यह दूसरी घटना है ! इसके पहले मनोहर लोको पायलट / रेनिगुनता इसके परिणाम भुगत चुके है ! अधिक जानने के लिए मेरी पिछली पोस्ट _ मुझसे क्या भूल हुई , जो ये सजा मुझको मिली ? पढ़ें !
९) रेलवे प्रशाशन ने अभी तक कोई उचित कार्यवाही नहीं की है ! न ही किसी की गिरफ्तारी ही हुई !
कब तक लोको पायलट , जो सभी को सुरक्षित मंजिल तक पहुंचाते है -इस तरह की अनहोनी घटनाओ के शिकार होते रहेंगे ?
http://janhitme-vijai-mathur.blogspot.com/2011/10/blog-post.html
ReplyDeleteयह भी बेहद अफसोसनाक घटना है। हम ई बाला कृष्णन साहब के शीघ्र स्वास्थ्य की कामना करते हैं। रेलवे प्रशासन की लापरवाही निंदनीय है। यह सब कुराफ़ात 'धर्म' की गलत व्याख्याओं के कारण है।
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कृपया अपने साथियों को यात्रा से पूर्व 'सप्त चिरजीवी स्तुति' का वाचन करने की सलाह दे। स्वास्थ्य रक्षा हेतु इसका सुबह -शाम वाचन 8-8 बार करने से जल्दी लाभ मिलता है।
गुरूजी प्रणाम - आप के सुझाव शिरोधार्य है ! सभी को बताऊंगा ! आभार
ReplyDeleteदुखद है ऐसी घटनाओं का होना .....
ReplyDeleteबहुत ही अफसोसजनक और दुखद घटना है! मर्मस्पर्शी प्रस्तुती!
ReplyDeleteसरकारें संवेदन शून्य हैं .जनता अपढ़ गंवार .इसीलिए देश का यह हाल .लोको पायलट बेहाल .कोई नहीं देख भाल न कोई सुनवैया .अफ़सोस नाक घटनाएं रोज़ क्यों होतीं हैं ?
ReplyDeleteदेश का दुर्भाग्य है .. सब संवेदनहीन होते जा रहे हैं और जिनको देश को दिशा देनी चाहिए वो सबसे आगे हैं ... अफसोसनाक घटना है ...
ReplyDeleteaadarniy sir
ReplyDeletebahut hi sharm ki baat hai .aaj har insaan me samvedna naam -matr ki bhi lagta hai bachi hi nahi.
bahut hi marmik prastuti.
sadar abhinandan
poonam
मर्मस्पर्शी प्रस्तुती!
ReplyDeleteअरे, ऐसा। दुखद है। ना जाने लोगों में सिविक सेंस कब आएगा।
ReplyDeleteसमय मिले तो मेरे एक नए ब्लाग "रोजनामचा" को देखें। कोशिश है कि रोज की एक बड़ी खबर जो कहीं अछूती रह जाती है, उससे आपको अवगत कराया जा सके।
http://dailyreportsonline.blogspot.com
अत्यंत खेदजनक व दुखद है.
ReplyDeleteआखिर इंसानियत भी कोई चीज होती है.
सच में झकझोर देतीं हैं ऐसी घटनाएं.