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Sunday, October 30, 2011

लघु कथा - सतर्क नारी

 जयेंद्र घर में आते ही पत्नी के हाथ पर सौ रुपये के दो गड्डी थमा दी  और मुस्कुराते हुए बोला --"  मायानगरी और लक्ष्मी जी !" पत्नी गड्डी को देखने लगी ! कुछ समझ में नहीं आया ! बोली - " ये क्या है ! बीस हजार रुपये  "

 " आरे भाग्यवान ..यह भी पूछने की बात है ! आज की कमाई ,,वश  और क्या !" - शर्ट की बटन को खोलते हुए जयेंद्र ने कहा !

 " अजी कहते थे  इस हप्ते सतर्कता दिवस है और यह क्या ?- पत्नी ने पूछा !
" परीक्षा बार - बार थोड़े ही कोई देता है ?"

" मतलब..... नहीं समझी "- सुनीता बेबजह और गंभीर हो पूछ बैठी !
" मतलब ये की सतर्कता दीवस को ही भाग्य की आजमायिस  होती है ! इसमे पास हो गए तो समझो चाँदी ही चाँदी ! ये दिन तो बस दिखावे के लिए आते है  ! बश यह एक पर्व है - ख़ुशी मनाओ और कमाओ "

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 काल बेल बजी ! अजी देखो कौन आया है ? जयेंद्र ने पत्नी को पुकारा ! पत्नी दरवाजे की ओर बढ़ी ! जयेंद्र ने भी साथ दिया ! दरवाजे पर सिविल पुलिस को देख सन्न रह गया !  " क्या बात है ? " - जयेंद्र ने पुलिस वालो से पूछ?

 " आप पर घुस लेने के आरोप है ! थाने चले ? एक सिपाही बोला  ! जयेंद्र पत्नी का मुह देखने लगा -जैसे पूछ रहा हो , ये क्या ? पत्नी मंद और दुःख भरी मुस्कान  के साथ बोली - " फेल हो गए ? "

 " धन्यबाद मैडम ! "-पुलिस वालो ने कहा और जयेंद्र को साथ ले चल दियें !

 
 

Thursday, June 30, 2011

लघु कथा --वीर मेरे अंगना

शादी की तैयारी जोरो पर थी ! आज बारात आने वाली थी ! श्याम सुन्दर जी  दौड़ -दौड़ कर सभी को कह रहे थे - देखो जी कोई कसर न रह जाए , अन्यथा लडके वाले  नाराज हो जायेंगे ! गाँव का माहौल  ...फिर भी शहर से कम रौनक नहीं थी ! जहां  देखो - वही चहल पहल  ! लौड़ स्पीकर बज रहे थे ! हलवाई तरह - तरह के व्यंजन बनाने में मशगुल !  कहार पानी भरने में ब्यस्त ! द्वार पर हित - नाथ आने लगे थे ! बच्चे शामियाने में खेल- कूद में मग्न ! पंडित जी आ गए थे ! सत्यनारायण भगवान  की पूजा शुरू  होने वाली थी ! नाउन चौक पूर रही थी ! शकुन्तला देवी घर के भीतर के सभी इंतजाम में ब्यस्त ! आँगन पूरी तरह से भर गया था ! आखिर इतनी भाग दौड़ क्यों ?, चुकी निर्मला की शादी जो थी , जानी मानी टी.वि.चैनल की एंकर  , वह भी ..शहरी लडके और शान - शौकत वाले से  ,  उस पर   एकलौती बेटी ! श्याम सुन्दर जी माध्यम वर्गीय ! बहुत कुछ दान - दहेज़ में दिया था !

धीरे - धीरे समय घहराया और गाँव के गोयड़े पर बरात आकर रुक गयी थी ! बाजे की शोर गुल सुन बच्चे उधर भागे ! श्याम सुन्दर जी द्वारपूजा के लिए , हजाम को खोज रहे थे , तभी वह आ धमाका ! उसने श्याम  सुन्दर जी के कानो में कुछ कही ! उसकी बातें सुन - श्याम सुन्दर के कान खड़े हो गए ! घर में भागे ! आंगन में शकुन्तला मिल गयी !" शकुन्तला गजब हो गया !" उन्होंने पत्नी को संबोधित कर कहा ?

पत्नी घबडाई सी -" अजी ऐसा क्या हो गया ? इस शुभ घडी में !" रुवासे सी आवाज में श्याम सुन्दर जी ने कहा - " दुल्हे   के पिता  ने   - अभी तुरंत दो लाख रुपये मांगे है ! नहीं देने की हालत में बरात वापस लेकर चले जायेंगे ! " शकुन्तला के मुह से निकला - " हे भगवान ये कैसी अग्निपरीक्षा ! इतना सारा रुपया कहाँ  से लावें ! जो था सभी दे दिए !" फिर उनके तरफ मुड कर बोली ! एक बार जाकर तो देखिये ! मन्नत - विनती से काम चल जाए !

श्याम सुन्दर गम की मुद्रा में उठे और  चल दिए ! आस - पास के हित - नाथ और औरतो में यह बात ,  जंगल की आग की तरह फैल गयी !   यह बात चारो तरफ फैलने भी  लगी ! श्याम सुन्दर जी ने बहुत  चिरौरी विनती की , पर दुल्हे के घर वालो पर कोई फर्क नहीं पडा ! बारात लौटने लगी ! श्याम सुन्दर जी के प्राण ही निकल जायेंगे वैसा लग रहा था ! तभी एक युवक भीड़ से बाहर आया और श्याम सुन्दर जी से कुछ कहा !

श्याम सुन्दर जी उस युवक को लेकर घर आयें और उस कमरे की तरफ गए ,  जहां  उनकी वेटी को सजाया जा रहा था ! सभी सखी - सहेलियों को  एक मिनट के लिए बाहर जाने को कहा और  उनहोने सभी घटनाओं को बिस्तार से  अपनी वेटी को बतला   दिए ! पुत्री ने एक टक पिता की ओर देखि  और  उस युवक के साथ  एकांत में ... बात- विमर्श किया , फिर  शादी के लिए तैयार हो गयी !

उसी मंडप में  निर्मला की शादी ,  उस युवक से कर दी गयी ! वह युवक उसी गाँव का रहने वाला था , जिस गाँव से बारात आई थी ! सुबह माड़ो में  दुल्हन और दुल्हे  को बैठाया गया था ! गाँव की औरते इस वीर पुरुष को देखने के लिए झुण्ड के झुण्ड जुटने लगी थी ! चारो तरफ उसके गुण - गान किये जा रहे थे ! तभी निर्मला की एक सहेली ने पूछ दिया - पहले वाले तो सोफ्ट वेयर इंजिनियर थे , ये वाले क्या है ?

 " लिख लोढा पढ़ पत्थर  " निर्मला ने जबाब दिया ! जो सत्य था !
 " यानी एल.एल.पि.पि."- किसी  सहेली ने चुटकी ली !
हाँ .. उस पढ़े -लिखे और सभ्य दुनिया  से बहुत अच्छा है ! " निर्मला ने कहा !


Saturday, December 25, 2010



PF का पैसा शेयर बाजार में
वित्त मंत्रालय ने 5 लाख करोड़ रुपये की कर्मचारियों की पीएफ से जुड़ी बचत का एक हिस्सा शेयर बाजारों में निवेश करने को कहा है। नॉर्थ ब्लॉक ने साफ किया है कि ऐसे निवेश से मिलने वाले रिटर्न पर कोई गारंटी नहीं मुहैया कराई जाएगी।

sources-p7..25122010
source: P7 news/25122010