जीवन में संघर्ष और उल्लास का अंत नहीं है ! जो जीता वही सिकंदर ! भावनाए उमड़ती है , स्वप्न आते है , परछाईया साथ देती है किन्तु स्पंदन के साथ ही परिवर्तित हो जाती है ! हवा स्पर्स करती हुयी आगे बढ़ जाती है ! पीछे मुड़ कर नहीं देखती ! वस् यादें रह जाती है ! संजोये रखने के लिए ! कभी - कभी चेहरे की झुर्रिया देख मन व्याकुल हो जाता है !
25 जून और 26 जून 2012 , मेरे लिए बहुत कुछ लेकर आया ! 25 जून को लोको पायलटो और उनकी परिवार के सदस्यों ने मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के समक्ष धरना दिया ! जो मूल भुत सुबिधाओ और अनुशासन की मांग पर केन्द्रित था ! वही यह दिन मेरे कैरियर के पच्चीसवे वर्ष का अंतिम दिन था ! एक लम्बी अंतराल और देखते - देखते दिन निकल गए ! सोंचने पर मजबूर होना पड़ा , क्या खोया और क्या पाया !
25 जून और 26 जून 2012 , मेरे लिए बहुत कुछ लेकर आया ! 25 जून को लोको पायलटो और उनकी परिवार के सदस्यों ने मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के समक्ष धरना दिया ! जो मूल भुत सुबिधाओ और अनुशासन की मांग पर केन्द्रित था ! वही यह दिन मेरे कैरियर के पच्चीसवे वर्ष का अंतिम दिन था ! एक लम्बी अंतराल और देखते - देखते दिन निकल गए ! सोंचने पर मजबूर होना पड़ा , क्या खोया और क्या पाया !
मेरे बैच के दोस्तों ने सिल्वर जुबिली मनाने का प्रस्ताव रख दिए ! फिर क्या था -26 जून 2012 को इस प्रोग्राम को अंजाम मिल गया ! दो -तीन साथियो की कड़ी मेहनत के बाद रेलवे इंस्टिट्यूट में इस प्रोग्राम को सफलता पूर्वक आयोजित किया गया ! यह प्रोग्राम सुबह आठ बजे से शुरू होकर रात्रि के साढ़े दस बजे समाप्त हुआ !
हमसभी 1987 में अपरेंटिस फायर मेन " ये " ग्रेड में ज्वाइन किये थे ! उस समय स्टीम लोको चलती थी ! नए - नए थे ! सभी के अन्दर उल्लास भरे हुए थे ! जिधर छुओ उधर कालिख , तेल ! दो वर्ष ट्रेंनिंग करनी पड़ी थी ! इसी दौरान सभी स्टीम लोको धीरे - धीरे गायब हो गए ! पहले तो ऐसा लगा की नौकरी छोड़ कर भाग जाए , किन्तु ड्राईवर बनने की तमन्ना दिल में उछाले ले रही थी ! प्रायः सभी साथी पदोन्नति करते हुए लोको इंस्पेक्टर / क्रू कंट्रोलर /ऑफिस मैनेजर /लोको पायलट ( मेल / एक्सप्रेस) वगैरह तक कार्यरत है ! किसी ने भी ऑफिसर बनने की इच्छा नहीं जताई और न बने ! उसमे मै भी एक हूँ !
सभी को समय रहते ही निमंत्रित कर दिया गया था ! हम कुल 34 थे ! 20 साथी ही अपने परिवार के साथ शामिल हुयें ! दो साथी इस दुनिया में नहीं रहे ! उनके याद में, श्रधांजलि हेतु , दो मिनट का मौन रखा गया ! सुबह की शुरुआत दक्षिण भारतीय इडली , दोसे , वडा चटनी और साम्भर के नास्ते से शुरू हुआ ! दोपहर का मेनू बड़ा ही स्वादिस्ट - चिकन , मटन, रोटी हलीम , ब्रिंजल करी , रायता , ice cream ,सलाद तले हुए चावल , वेज कुरमा वगैरह - वगैरह ! सभी की हालत देखते बनती थी , क्या खाएं न खाए की चिंता !सब कुछ स्वादिस्ट ! रात का भोजन बिलकुल शाकाहारी ! रोटी चावल दाल रसम साम्भर पापड़ दही केला आदी ! मनोरंजन के लिए आर्केस्ट्रा का इंतजाम ! बच्चे और कई साथियों ने नृत्य कर इसके लुत्फ लिए !छोटा सा शहर , किन्तु मेट्रोपोलिटन के इंतजाम , किसी को किसी तरह की कमी महसूस नहीं हुयी !
जो भी हो यह सिल्वर जुबिली एक याद ले कर आई और यादगार बन कर चली गयी ! 25 को पच्चीसवे का अंत और 26 को छब्बीसवे की शुरुआत अपने आप में एक अर्थ छोड़ चली गयी !सभी परिवार एक दुसरे से मिलकर अत्यंत खुश थे !सभी साथियों ने अपने - अपने अनुभव बाँटें ! जो सुन और देख परिवार के सदस्य अचंभित थे !बच्चो को कभी भी स्टीम लोको देखने को नहीं मिली थी , वे मंच पर लगे फ्लक्स के तस्वीर से संतुष्ट लग रहे थे ! कईयों ने इसके कार्य पद्धति पर कई प्रश्न पूछ डाले !स्टीम लोको में कार्य करना कठिन , किन्तु बहुत ही स्वास्थ्य बर्धक !
जो भी हो यह सिल्वर जुबिली एक याद ले कर आई और यादगार बन कर चली गयी ! 25 को पच्चीसवे का अंत और 26 को छब्बीसवे की शुरुआत अपने आप में एक अर्थ छोड़ चली गयी !सभी परिवार एक दुसरे से मिलकर अत्यंत खुश थे !सभी साथियों ने अपने - अपने अनुभव बाँटें ! जो सुन और देख परिवार के सदस्य अचंभित थे !बच्चो को कभी भी स्टीम लोको देखने को नहीं मिली थी , वे मंच पर लगे फ्लक्स के तस्वीर से संतुष्ट लग रहे थे ! कईयों ने इसके कार्य पद्धति पर कई प्रश्न पूछ डाले !स्टीम लोको में कार्य करना कठिन , किन्तु बहुत ही स्वास्थ्य बर्धक !
परिवार और छोटे - बड़े बच्चो को देख ऐसा लगा जैसे - इंजन के पीछे रंग - विरंगे डब्बे ! एक और अनेक में परिवर्तित ! सभी इस अनोखी समागम को देख दंग ! हमारे पीछे इतनी बड़ी संख्या ! कल क्या होगा ?अब वह दिन दूर नहीं जब हमें बच्चो के शादी - व्याह के मौके पर शरीक होना होगा ! इस समूह में लड़कियों की संख्या ज्यादा और लड़को की कम थी !इस समारोह के मुख्य अतिथि सीनियर मंडल यांत्रिक इंजिनियर और उनकी टीम थी ! उन्होंने अपने अविभाषण में सभी की मंगल की कामनाये करते हुए बधाई दी ! संध्या के समय सहायक मंडल यांत्रिक इंजिनियर के कर कमलो से सभी साथियों को मोमेंटो प्रदान की गयी ! जो हमेशा इस सुनहरे दिन की याद दिलाता रहेगा ! इस तरह से रेलवे के अंतिम और आखिरी स्टीम लोको के साक्षियों की सिल्वर जुबिली 26 जून 2012 को हर्षौल्लास के साथ संपन्न हुआ !
सिल्वर जुबिली समारोह हर्षौल्लास के साथ मनाने की बहुत२ बधाई,,,,,
ReplyDeleteMY RECENT POST काव्यान्जलि ...: बहुत बहुत आभार ,,
सिल्वर जुबली की यादों को आपने यहाँ सहेज कर रख लिया है. आपको बहुत बधाई शॉ साहब.
ReplyDeleteदो साथी को नमन कर, दो मिनटों का मौन |
ReplyDeleteचौंतिस साथी जम गए, मिला रेलवे भौन |
मिला रेलवे भौन, मटन सांभर आर्केस्ट्रा |
धरना भी हो गया, पार्टी होती एक्स्ट्रा |
बीता लंबा काल, बहुत कुछ खोया पाया |
चलती रोटी दाल, एक परिवार बनाया ||
बहुत अच्छी प्रस्तुति!
ReplyDeleteइस प्रविष्टी की चर्चा शुक्रवारीय के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
25 वर्ष की सेवाओं को याद करने का इससे अच्छा कार्यक्रम नहीं हो सकता था..
ReplyDeleteसुंदर आयोजन .... अच्छी स्मृतियाँ साथ रहेंगें अब ....
ReplyDeletebahut sundar aur sarthak,abhar .
ReplyDeleteप्रिय महोदय
"श्रम साधना "स्मारिका के सफल प्रकाशन के बाद
हम ला रहे हैं .....
स्वाधीनता के पैंसठ वर्ष और भारतीय संसद के छः दशकों की गति -प्रगति , उत्कर्ष -पराभव, गुण -दोष , लाभ -हानि और सुधार के उपायों पर आधारित सम्पूर्ण विवेचन, विश्लेषण अर्थात ...
" दस्तावेज "
जिसमें स्वतन्त्रता संग्राम के वीर शहीदों की स्मृति एवं संघर्ष गाथाओं , विजय के सोल्लास और विभाजन की पीड़ा के साथ-साथ भारतीय लोकतंत्र की यात्रा कथा , उपलब्धियों , विसंगतियों ,राजनैतिक दुरागृह , विरोधाभाष , दागियों -बागियों का राजनीति में बढ़ता वर्चस्व , अवसरवादी दांव - पेच तथा गठजोड़ के दुष्परिणामों , व्यवस्थागत दोषों , लोकतंत्र के सजग प्रहरियों के सदप्रयासों तथा समस्याओं के निराकरण एवं सुधारात्मक उपायों सहित वह समस्त विषय सामग्री समाहित करने का प्रयास किया जाएगा , जिसकी कि इस प्रकार के दस्तावेज में अपेक्षा की जा सकती है /
इस दस्तावेज में देश भर के चर्तित राजनेताओं ,ख्यातिनामा लेखकों, विद्वानों के लेख आमंत्रित किये गए है / स्मारिका का आकार ए -फॉर (11गुणे 9 इंच ) होगा तथा प्रष्टों की संख्या 600 के आस-पा / विषयानुकूल लेख, रचनाएँ भेजें तथा साथ में प्रकाशन अनुमति , अपना पूरा पता एवं चित्र भी / लेख हमें हर हालत में 30 जुलाई 2012 तक प्राप्त हो जाने चाहिए ताकि उन्हें यथोचित स्थान दिया जा सके /
हमारा पता -
जर्नलिस्ट्स , मीडिया एंड राइटर्स वेलफेयर एसोसिएशन
19/ 256 इंदिरा नगर , लखनऊ -226016
ई-मेल : journalistsindia@gmail.com
मोबाइल 09455038215
रजत जयंती का अच्छा व्योरा दिया है ... बधाई और शुभकामनायें
ReplyDeleteउल्लास और उत्साह के लिए बधाई .गोल्डन जुबिली आप मनाए ऐसी शुभेच्छा .
ReplyDeleteवीरुभाई .
शुक्रवार, 29 जून 2012
ज्यादा देर आन लाइन रहना माने टेक्नो ब्रेन बर्न आउट
http://veerubhai1947.blogspot.com/
वीरुभाई ४३.३०९ ,सिल्वर वुड ड्राइव ,कैंटन ,मिशिगन ,४८,१८८ ,यू एस ए .
यह भी मील का एक पत्थर है, शुभकामनायें!
ReplyDeleteI read your post interesting and informative. I am doing research on bloggers who use effectively blog for disseminate information.My Thesis titled as "Study on Blogging Pattern Of Selected Bloggers(Indians)".I glad if u wish to participate in my research.Please contact me through mail. Thank you.
ReplyDeletehttp://priyarajan-naga.blogspot.in/2012/06/study-on-blogging-pattern-of-selected.html
सिल्वर जुबली प्रोग्राम के लिए बहुत बहुत हार्दिक बधाई आपको.
ReplyDeleteफोटो देखकर बहुत अच्छा लगा.