कौड़ी के मोल जमीन खरीदकर हीरे के दाम पर ठेकेदारी बेंची जा रही थी । बड़े ओहदे वाले लाल -लाल हो रहे थे . नीतीश को अभियंता हुए कुछ ही दिन हुए थे . एक समय था , जब उन्हें बाजार पैदल चलकर ही जाना पड़ता था . आज उसके पास सब कुछ है . दो कारे , कई दुपहिये और निजी पसंद के बंगले में कई नौकर चाकर . आस पडोश वाले शान देख हैरान थे .
कहते है - जब उसकी नौकरी लगी , सभी ने उसकी उपरवार कमाई के बारे में जानने की कोशिश की थी . नीतीश बहुत इमानदार प्रवृति का था . यह कह कर बात टाल देता की सरकारी तनख्वाह काफी है . साथी कहते कि सरकारी तनख्वाह तो ईद का चाँद है यार . वह झेप जाता था .
परिस्थितिया बदलती चली गयी . ईमानदारी बेईमानी में बदल गयी . नीतीश इतना बदल गया कि उसे सरकारी तनख्वाह कम पड़ने लगे . अंग्रेजो द्वारा बनायीं हुयी पुल को तोड़ दिया गया , जिसके ऊपर अभी भी ७५ किलो मीटर की गति से बसे चलती थी . नए पुल का निर्माण किया गया . करोड़ो रुपये लगाये गए . धूमधाम से उदघाटन हुए थे और पुल के दोनों किनारों पर ,एक वर्ष के भीतर ही सूचना बोर्ड लग गया था . जिस पर लिखा था -
" धीमे चलिए , पुल कमजोर है " .
कहते है - जब उसकी नौकरी लगी , सभी ने उसकी उपरवार कमाई के बारे में जानने की कोशिश की थी . नीतीश बहुत इमानदार प्रवृति का था . यह कह कर बात टाल देता की सरकारी तनख्वाह काफी है . साथी कहते कि सरकारी तनख्वाह तो ईद का चाँद है यार . वह झेप जाता था .
परिस्थितिया बदलती चली गयी . ईमानदारी बेईमानी में बदल गयी . नीतीश इतना बदल गया कि उसे सरकारी तनख्वाह कम पड़ने लगे . अंग्रेजो द्वारा बनायीं हुयी पुल को तोड़ दिया गया , जिसके ऊपर अभी भी ७५ किलो मीटर की गति से बसे चलती थी . नए पुल का निर्माण किया गया . करोड़ो रुपये लगाये गए . धूमधाम से उदघाटन हुए थे और पुल के दोनों किनारों पर ,एक वर्ष के भीतर ही सूचना बोर्ड लग गया था . जिस पर लिखा था -
" धीमे चलिए , पुल कमजोर है " .